चाहे तपती धूप हो या कड़ाके की ठंड वह खेतों में काम करना नहीं छोड़ता। जिस गर्मी की धूप में हम कहीं बाहर निकलते या निकलते भी हैं तो हिफाज़त के साथ, तब भी कभी कभी हमारा शरीर अस्वस्थ हो जाता है। सर्दियों के मौसम में कुहासे या ठंड की वजह से भी हम बाहर निकलने को टालते हैं। लेकिन हमारे किसान किसी भी मौसम में होने वाली परेशानियों को नहीं देखते।

यहां तक की बरसात के मौसम में भी खेती के कार्यों में लगे रहते हैं। बस हमारे किसान को अपने आप से यही उम्मीद रहती है कि वह फसल को किसी भी तरह किसी भी कठिनाईयों का सामना करते हुऐ उगायें। ताकि मुझे मुनाफा भी हो और लोगों का आहार भी मिल सके। हमारा देश कृषि प्रधान देश है।

आज की हमारी यह कहानी एक असामान्य किसान की है, जो बड़ी ही शिद्दत और मेहनत से खेतों में अनाज उगा रहे हैं। आइए पढ़ते हैं इस किसान के बारे में कि वह एक पैर ना होने के बावजूद भी कैसे अपनी लगन से खेती कर रहे हैं।

एक पैर नहीं है, बैशाखी लिए कर रहें हैं खेती

मधु मिथा IFS officer ने हमारे बीच एक वीडियो साझा करते हुए कुछ ऐसी बातें लिखी हैं, “कोई भी वर्ड इस वीडियो के साथ इंसाफ नहीं कर सकता है।” इनके द्वारा शेयर किये गये वीडियो को लगभग 2 लाख 19 हज़ार से अधिक व्यक्ति देख चुकें हैं। इस वीडियो में एक ऐसा शख्स है जिसका एक पैर नहीं हैं वह अपाहिज़ है। फिर भी यह किसान लकड़ी की बैशाखी हांथो में पकड़े अपनी लग्न से खेती कर रहा है।

जो व्यक्ति अपनी जिंदगी में कुछ करने के लिए सही समय और सही कार्य का इंतजार करते हैं। मधु मिथा के द्वारा साझा किया गया यह परिश्रमी किसान का वीडियो सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा है। हम इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि किसान किस तरह खेती में अपना पसीना बहा कर फसलों को सींचते हैं। लेकिन यह वीडियो उन सबसे परे है, क्योंकि सामान्य व्यक्ति तो खेती करते ही है, चाहे जैसे भी करें। लेकिन इस अपाहिज़ किसान ने अपनी मेहनत से ना किये जाने वाले कार्य को भी कर दिखाया है।

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