एसिड अटैक किसी की हिम्मत और उसका स्वाभिमान छीन लेने के लिए काफी होता है. अपने इस नए स्वरूप को अपनाने में एक अच्छा खासा वक्त लग जाता है. इस दौरान, सच्चे प्यार जैसी चीज़ मिलने की उम्मीद लगभग टूट सी जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ था ललिता बेन बंसी के साथ.
मगर फिर उन्हें कोई मिला, जिसने उनके दिल और हिम्मत को कभी मरने नहीं दिया. वह कोई और नहीं उनका अपना सच्चा प्यार था, जो उनकी कठिन राह में उनके साथ मजबूती से खड़ा रहा.
एक मिस कॉल से हुई प्यार की शुरुआत
ये लव स्टोरी बेहद सुंदर है. इसमें संयोग है, एक ऐसा संयोग जिसने दो लोगों को हमेशा के लिए एक कर दिया. इसके अलावा, इस स्टोरी ने ये भी दिखाया कि प्यार बाहरी सुंदरता देखकर नहीं होता है. दो लोगों के लगाव और भीतरी सुंदरता को ज्यादा महत्त्व देना ही प्यार की एक तर्कपूर्ण परिभाषा है.
कुछ ऐसी ही है रविशंकर सिंह और ललिता बेन की कहानी. हुआ दरअसल ये कि एक दफा रवि शंकर को एक गलत नंबर से मिस कॉल आई और इसी के साथ उनकी ज़िंदगी ने एक नया रूख लिया.
ये मिस कॉल ललिता की थी. इस कॉल के 15 दिन बाद रवि ने कॉल बैक की. यहां से शुरुआत हो चुकी थी. दोनों ने बात करनी शुरू की और ये सिलसिला इतना बढ़ा कि दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया.
अपने जल चुके चेहरे को लेकर भयभीत थीं ललिता
फ़ोन के जरिए बात की तो शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन रवि ने अभी भी ललिता का चेहरा नहीं देखा था. ऐसे में ललिता को अपने लुक्स को लेकर डर था और रवि को उनसे बेहतर महिला के काबिल मानती थीं.
छोटी-सी कहा-सुनी पर हुआ अटैक
साल 2012 में ललिता के चेहरे पर एसिड फेंक दिया गया. एक छोटी-सी कहासुनी के बाद उनके कजिन भाई ने उनपर अटैक किया.
दरअसल, ललिता अपने एक कजिन की शादी के लिए अपने होमटाउन उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ गई थीं. इस दौरान उनके छोटे भाई और कजिन शाम बाबू के बीच झगड़ा हो गया. इस झगड़े को छुड़ाने के लिए ललिता ने दोनों को एक-एक थप्पड़ मारा.
कजिन की शादी के पांच महीने बाद ललिता की शादी भी तय हो गई थी. इसीलिए तब तक ललिता ने वहीं अजामगढ़ रहने का फैसला लिया. जिसके बाद उनकी शादी से ठीक 15 दिन पहले बाबू ने उस तमाचे का बदला लिया और उनके चेहरे पर एसिड फेंक दिया.
इस अटैक के बाद वह अब तक करीब 30 सर्जरी से गुज़र चुकी हैं.
“चमत्कार होते हैं”
ललिता ने अपनी शादी को लेकर कहा कि उसे कभी नहीं लगा था कि उसे प्यार मिलेगा. लेकिन अपनी और रविशंकर की लवस्टोरी के बाद उन्होंने कहा कि, “चमत्कार होते हैं.”