आज हम बनारस के रहने वाले अमन यादव के बारे में बात कर रहे हैं, जिसने अपना जीवन ज़रूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया हैं। अमन अपनी ‘एम्बुलेंस बाइक’ (Ambulance bike) के ज़रिए दिन-रात गरीब लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं, जिस वजह से वह लोगों के बीच ‘कबीर’ नाम से प्रसिद्ध हैं। अमन पिछले कई सालों से बनारस के लोगों की सेवा में जुटे हैं। वह अब तक हज़ारों मरीज़ों को अपनी ‘एम्बुलेंस बाइक’ के ज़रिए अस्पताल पहुंचा चुके हैं।
अमन अपने इस नेक काम से बहुत से लोगों की जान बचा चुके हैं। साथ ही अमन गुमशुदा लोगों को उनके घर पहुंचाने का भी काम करते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान अमन कहते हैं कि मैं एक बार अपने किसी काम से सरकारी अस्पताल गया था। इस दौरान मैंने देखा कि अस्पताल में मरीज़ों की हालत जानवरों से भी बदतर थी, यह देख मुझे बहुत बुरा लगा।
अमन ने देखा कि अस्पताल के बाहर एक महिला बेहोश पड़ी है और वहां कोई भी उनकी देखभाल करने वाला नहीं था। बड़ी मुश्किल से किसी तरह उस महिला से उनके बेटे का फ़ोन नंबर लिया और संपर्क किया तो 5 बेटों ने अपनी मां को पहचानने से ही इंकार कर दिया।
अमन ग़रीब और ज़रूरतमंद लोगों की करते हैं मदद
उसके बाद उस बूढ़ी महिला के इलाज की पूरी ज़िम्मेदारी अमन ने अपने कंधों पर ले ली, परंतु वह उन्हें बचा नहीं पाए। पोस्टमॉर्टेम के बाद उनके बेटे उनकी हाथ की अंगूठी और सोने की चेन लेने पहुंच गए। यह देख अमन कहते हैं कि उस वक़्त मैंने पहली बार इंसान का सबसे वीभत्स रूप देखा था।
मैं सोचने लगा कि क्या दुनिया इतनी स्वार्थी हो सकती है? उसी क्षण मैंने तय किया कि अब मैं हर असहाय, ग़रीब और ज़रूरतमंद की मदद करूंगा। उस दिन से अबतक अमन बहुत से गरीब लोगो की मदद कर चुके हैं।