मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन ने 27 जुलाई 2020 को 12वीं के परिणाम घोषित किए, जिसमें प्रदेश के कुल 68.81 प्रतिशत बच्चे सफल रहे. पास होने वाले इन बच्चों में एक नाम मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित सेठी नगर बस्ती में रहने वाली दिव्या बनेले का भी है. दिव्या 12वीं में 500 में से 367 अंक लेकर आई
कहने के लिए वो प्रदेश की टॉपर नहीं है मगर जिन परिस्थितियों में दिव्या ने पढ़ाई जारी रखी और 74 प्रतिशत नंबर लेकर आई, वह अपने आप में बड़ी बात है. उसकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो लोग गरीबी के आगे घुटने टेक देते हैं और जीवन भर अपनी किस्मत को कोसते रहते हैं
मां दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा करती हैं!
दरअसल, दिव्या एक बेहद गरीब परिवार से हैं. उसके पिता तिलोक बनेले एक ढोल वादक है. शादी-ब्याह जैसे मौकों पर वो अपनी इस कला के दम पर कुछ पैसे कमा लेते हैं. मगर इससे घर का ख़र्च नहीं चलता था. दिव्या की मां ने भी घर चलाने के लिए काम करना शुरू किया. वो दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछे का काम करती हैं
सिर्फ़ पढ़ाई में होशियार नहीं है दिव्या
वो नियमित रुप से स्कूल जाती है और स्कूल में होने वाली हर प्रतियोगिता में भाग लेती. लाइट न रहने पर स्ट्रीट लाइट की रौशनी में पढ़ती. दिव्या के इस समर्पण भाव ने उसके कठिन रास्ते को आसान कर दिया. इंडियाटाइम्स हिन्दी से बात करते हुए दिव्या को नजदीक से जानने वाले अंकित बताते हैं कि जब दिव्या का 12वीं का रिज़ल्ट उसकी मां को पता चला था, तो खुशी से उनकी आंखें नम हो गई थीं. उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है