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आज की मेहनत और लगन आने वाले कल की सफलता की बुनियाद को मजबूत बनाती है। यदि आज आप अपनी मेहनत, विश्वास और मजबूत हौसलों की किश्ती पर सवार होकर, तमाम मुश्किलों से भरी छोटी बड़ी लहरों को पार कर लेते हो तो “कामयाबी के किनारे”आपके कदम चूमेंगे।

ऐसे ही एक लड़का जिसने तमाम मुश्किलों को पार किया और आज वह सबके लिए मिसाल बना हुआ है। जी हां आज हम बात करेंगे, एक केरल के ऐसे ही युवक की, जिन्होने स्टेशन पर कुली का काम करते-करते फ्री वाई-फाई की सेवा और लाइट की रोशनी के सहारे पढ़कर अपना मुकाम हासिल किया।

कौन है वह कामयाब युवक? :-

‌ मूल रूप से केरल (Kerala) के रहने वाले श्रीनाथ (Shrinath) बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गरीबी में पले-बढ़े रहे श्रीनाथ ने जैसे-तैसे 10वीं तक की पढ़ाई की। श्रीनाथ, मन्नार के रहने वाले हैं, एर्नाकुलम उनका करीबी रेलवे स्टेशन है।

‌डिजिटल इंडिया के तहत रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा से मिली मदद

‌उनका कहना है कि, मुफ्त वाई-फाई सुविधा ने उनके लिए सफलता के द्वार खोल दिए। आपको बता दें कि, मोदी सरकार ने साल 2016 में डिजिटल इंडिया के तहत रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा शुरू की थी।

इस सुविधा को फ्री रखा गया है, जिसे स्टेशनों पर कोई भी इस्तेमाल कर सकता है।‌ श्रीनाथ ने कहा कि, स्टेशन पर उपलब्ध वाई-फाई सेवा ने उनके लिए अवसरों के नए द्वार खोले।

पहले उन्होंने इस बारे में सोचा भी नहीं, लेकिन इससे उन्हें अपने अभ्यास प्रश्नपत्रों को सुलझाने एवं परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन इत्यादि करने में तो मदद मिली ही, साथ ही किताबें खरीदने पर होने वाला उनका एक बड़ा खर्च भी बच गया, उन्होंने इसके अलावा रेलवे की कई अन्य सरकारी नौकरियों के लिए भी आवेदन दिया है।

कैसे तय किया लक्ष्य :-

‌ बचपन से ही पढ़ाई की चाहत रखने वाले श्रीनाथ पैसों की अभाव में पढ़ाई नहीं कर पाए। रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई और लाइट की सुविधा देखकर श्रीनाथ के मन में पढ़ाई करने की चाहत आई, तब से उन्होंने फ्री समय में वाई-फाई के सहयोग से मोबाइल पर हेडफोन लगाकर मोटिवेशनल वीडियो देखना शुरू कर दिया।

उसके बाद से उनकी रुचि पढ़ाई में बढ़ने लगी, और अंततः बहुत परिश्रम से वे कामयाब हुए। सबसे बड़ी बात तो यह कि उन्होंने पढ़ाई के लिए किसी किताब की मदद नहीं ली, बल्कि रेलवे स्टेशन के वाई-फाई की मदद से पढ़ाई की।

इसके लिए वह मोबाइल में वीडियो की मदद लेते थे। उनके पास अपने फोन और ईयरफोन के अलावा कोई किताब भी नहीं थी।

‌केरला पब्लिक सर्विस कमिशन में हुआ चयन :-

‌दो बार यूपीएससी के परीक्षा में असफल हुए श्रीनाथ ने हार नहीं मानी। उन्हें अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा था। वर्ष 2018 में श्रीनाथ केरला पब्लिक सर्विस कमिशन KPSC (KERALA PUBLIC SERVICE COMMISSION) का एग्जाम पास कर लिए।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.