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शिक्षा “सज्जनता” को शुरू करती है। शिक्षा सबके लिए आवश्यक है और इस पर सबका समान अधिकार है। उदहारण के तौर पर एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति अपने जीवन में बहुत कुछ पा सकता है लेकिन एक धनवान या अनपढ़ व्यक्ति नहीं कर सकता है।

जो शिक्षा हमें हमारे गुरुजनों से मिला वह दूसरों तक पहुंचाने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। बच्चों का बेहतर भविष्य उनके शिक्षा पर ही आधारित है। आज के समय में माता-पिता भी बच्चों के शिक्षा को लेकर बहुत ही सजग है।

सरकार भी अनेकों तरह का प्रलोभन देकर और अभियान चलाकर बच्चों को शिक्षा देने और उन्हें शिक्षित करने का प्रयास कर रही है – “जैसे सर्व शिक्षा अभियान” उनमें से ही एक है।

साथ ही हमारे समाज में अनेकों समाजसेवी शिक्षा का बीड़ा उठाए हुए हैं। आज हम एक ऐसे शिक्षक की कहानी लेकर आए है जो अपनी उम्र की परवाह किए बिना, बग़ैर कोई शुल्क लिए (निःशुल्क) आज भी बच्चों को शिक्षित कर रहें है।

ओडिशा के जाजपुर में एक शिक्षक नन्दा परस्ती पिछले 75 सालों से एक पेड़ के नीचे बच्चों को बिना किसी शुल्क के पढ़ा रहे हैं।

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ANI के रिपोर्ट के अनुसार बार्टांडा सरपंच ने बताया, नन्दा परस्ती पिछले 75 सालों से बच्चों को एक पेड़ के नीचे पढ़ा रहे हैं। वह बच्चों को पढ़ाने के लिए उनसे कोई पैसे भी नहीं लेते।

निस्वार्थ भाव से बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनके पथ प्रदर्शक बने हुए हैं। नन्दा परस्ती सरकार से किसी भी तरह की मदद नहीं लेते, यह उनका जुनून है।

हालांकि हमने एक ऐसी सुविधा देने का निर्णय लिया है जहां वह बच्चों को बिना किसी कठिनाई के सुव्यस्थित तरीक़े से पढ़ा सके।

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