कोरोना वायरस एक बार फिर से पूरे देश में हाहाकार मचाए हुए है. तमाम एक्सपर्ट का दावा है कि ये स्ट्रेन पिछले वाले से ज्यादा खतरनाक है. अस्पतालों में बेड नहीं है. ऑक्सीजन नहीं है. जरूरी दवाइयां नहीं है. ऐसे समय में लोग ही एक दूसरे के काम आ रहे हैं.

दूसरी तरफ रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है. इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं. लेकिन, एक शख्स ने एक जिंदगी बचाने के लिए रोजा तोड़ दिया. शख्स का नाम है अकील मंसूरी.

अकील मंसूरी ने एक बीमार शख्स को प्लाज्मा देने के लिए पहला रोजा तोड़ दिया. उनके इस काम के लिए लोग उन्हें दुवाएं दे रहे हैं.

ए-पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत थी

बताया जा रहा है कि उदयपुर के ऋषभदेव में एक महिला कोरोना पॉजिटिव हो गई. देखते ही देखते उसकी हालत बिगड़ने लगी. ऐसे में उसे ए-पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत थी. उदयपुर के किसी भी ब्लडबैंक में ए-पॉजिटिव प्लाज्मा नहीं था. 

एंटीबॉडी टेस्ट कराई

ऐसे में अकील मंसूरी ने अपना एंटीबॉडी टेस्ट कराया. पॉजिटिव आने पर उनसे कहा गया कि भूखे पेट प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें पहला रोजा तोड़ा और प्लाज्मा डोनेट किया.अकील का कहना है कि किसी की जिंदगी बचाना अल्लाह की सबसे बड़ी इबादत है. उन्हें यह मौका मिला. अकील ने इससे पहले भी 3 बार प्लाज्मा डोनेट किया था.

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