लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में, दिल्ली के बहुत सारे निवासी पक्षियों को अपनी खिड़कियों के बाहर और बगीचे में चहकते हुए सुनकर हैरान हो गए थे. ह्यूमन एक्टिविटीज कम होने की वजह से प्रकृति भी बेहतर होती हुई दिखाई दे रही थी

इस समय ही लोगों को समझ आया कि दिल्ली में कई प्रकार के पक्षी हैं, जो लंबे समय से शहर की हलचल के कारण गायब हो गए थे

इसलिए, बहुत सारे लोगों के लिए विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए अपने आस-पास इतने सारे पक्षियों को देखने और सुनने का एक नया अनुभव था

लेकिन, यह अनुभव 18 वर्षीय पर्यावरणविद् अमन शर्मा के लिए नया नहीं था. अमन जब को जब स्कूल से फ़ुर्सत मिलती है, तो वो पर्यावरण के लिए लड़ रहे होते हैं

कहां से शुरू हुआ अमन का पक्षी प्रेम?

शर्मा ने बताया, “एक दिन मेरी मां ने मुझे बताया कि हमारी बालकनी पर एक बुलबुल का घोंसला था. मैं वहां गया और घोंसले को देखा, उसमें तीन प्यारे अंडे थे

मैंने पहले कभी किसी अन्य प्रजाति के साथ ऐसी करीबी बातचीत नहीं की थी. मैं अपने दिन पक्षी और उसके घोंसले की देखभाल करते हुए बिताता था

मैंने वहां से 10-15 अन्य प्रजातियों के पक्षियों को भी देखा, लेकिन जब मैंने अपनी माँ से पूछा, तो उन्हें उनके बारे में कोई पता नहीं था और न ही मेरे साइंस टीचर के पास. मुझे वह अजीब लगा और फिर मैंने पक्षियों के बारे में जानना चाहा

शर्मा ने कहा कि उनका जुनून बढ़ता चला गया. जब उनका परिवार वीकेंड पर पार्टी आदि में जाता था और वो पक्षियों को देखने के लिए सुल्तानपुर जाने लगे

इसके बाद उन्होंने बच्चों के लिए ‘Cuckoo About Nature’ नाम के क्लब की स्थापना की, जिसका उद्देश्य बच्चों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा करना है

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