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UPSC क्लियर करने के लिए धैर्य और कठिन परिश्रम दोनों की बराबर जरूरत होती है। इसके साथ सही समय पर सही फैसले लेना भी इसमें बहुत मायने रखता है। कई बार पूरी मेहनत करने के बाद भी कैंडिडेट का चयन नहीं हो पाता तो ऐसे में धैर्य ही काम आता है। कई बार देखा गया कि उन्होंने धैर्य रखकर सही समय का इंतजार किया और अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार सफलता हासिल की। महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले वैभव गोंडाने की कहानी भी कुछ-कुछ ऐसी ही है।

वैभव ने सही समय पर सही प्रयास किए और अपने धैर्य को बनाए रखा। वैभव ने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम 2018 में 25 रैंक हासिल कर एक नई मिसाल कायम की थी। क्योंकि इस दौरान वैभव की उम्र महज 22 साल थी। ये उनका पहला प्रयास था और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इसमें कामयाबी हासिल कर ली थी।

वैभव ने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘यूपीएससी की तैयारी करने वाले लोगों के पास मोटिवेशन होना बहुत जरूरी है. सेल्फ मोटिवेशन की बदौलत ही आप यहां सालों तक अपने लक्ष्य की तरफ फोकस कर पाएंगे. यूपीएससी के लिए पूरी मेहनत चाहिए होती है और हल्की-फुल्की पढ़ाई से काम नहीं चलता, बल्कि पूरी तरह समर्पित होकर आपको यूपीएससी की तैयारी करनी पड़ेगी. आपको तैयारी के लिए एक बेहतर रणनीति भी बनानी होगी.’

वैभव ने आगे बताया था, ‘पहले आप तय कर लें कि आपको यूपीएससी की तैयारी करनी है, तो उसे अपनी प्राथमिकता बनाएं. सिलेबस के मुताबिक स्टडी मैटेरियल तैयार करें और शेड्यूल बनाकर पढ़ाई में जुट जाएं. हर चीज को इतनी गहराई से पढ़ें कि उसे दोबारा करने की जरूरत ना पड़े. अगर आप ईमानदारी के साथ धैर्य रखकर परीक्षा की तैयारी करेंगे, आप इस परीक्षा को पहले प्रयास में पास कर सकते हैं.’

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