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थैलेसीमिया ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में खून बनने की प्रक्रिया रूक जाती है. झारखंड के गोड्डा के प्रतापपुर का रहने वाला 5 साल का विवेक भी इससे पीड़ित है. ऐसे में उसके पिता दिलीप यादव बेटे की जान बचाने के लिए खून की व्यवस्था करते रहते हैं. आर्थिक रूप से कमजोर दिलीप हर महीने अपने बेटे को साइकिल पर लेकर करीब 400 किमी का सफर तय करके ए-निगेटिव खून की व्यवस्था करते हैं.

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दिलीप यादव का घर गोड्डा मुख्यालय से 40 किमी अंदर माल प्रतापपुर गांव में है. उन्हें दूसरे जिले जाने के लिए अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. उनका कहना है कि बच्चे के जन्म के 5 महीने बाद उसे सर्दी, खासी, बुखार रहने लगा. टेस्ट में थैलेसिमिया की पुष्टि हुई.

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उसके बाद से हर महीने 2 यूनिट खून की व्यवस्था करनी होती है. वह बेटे की दिल्ली के सफदरगंज तक में इलाज करा चुके हैं. लेकिन, इस बीमारी में खून की व्यवस्था करनी ही पड़ती है. पिछले साल ही लॉकडाउन लगने पर वह बच्चे को लेकर दिल्ली से वापस गांव आ गए.

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विधायक से उम्मीद

अब वह हर महीने करीब 400 किमी का सफर तय करके जाते हैं और ब्लड चढ़ाते हैं. हालांकि, उन्हें स्थानीय विधायक और सरकार से उम्मीद है कि वे उनकी मदद करेंगे और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट जिसका खर्चा करीब 10 लाख रुपये आता है, उसे कराकर वह अपने बच्चे की जान बचा लेंगे.

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input – indiatimes

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