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कहते हैं इंसान अगर कुछ ठान लें तो वो अपना रास्ता बना ही लेता है. केरल की सुलफत मोइद्दीन की कहानी कुछ ऐसी है. एर्नाकुलम के एडावनक्क गांव की सुलफत के अंदर खेती का ऐसा जूनून जागा कि कुछ ही सालों में उन्होंने अपनी मेहनत से घर की छत को रोजगार का जरिया बना डाला. सुलफत के काम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2020 में वो केरल के ‘सर्वश्रेष्ठ टेरेस किसान’ केटेगरी में सम्मानित की गईं.

24 सालों से अपनी जैविक खेती के लिए मशहूर सुलफत अपनी दो हजार वर्ग फुट की छत को खेत में बदल चुकी है, जहां करीब 1000 ग्रो बैग और गमले हैं, जिनमें वो फल, मौसमी सब्जियां, सलाद, मसाले आदि की खेती करती है. वो प्याज, अदरक, हल्दी, पुदीना, धनिया, मक्का, सौंफ आदि को अपनी छत पर उगाती हैं और उन्हें बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमाती हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो महीने में करीब बीस हजार तक की कमाई कर लेती हैं. खास बात यह कि सुलफत सिर्फ 12वीं पास हैं. बावजूद इसके जिस तरह से उन्होंने जैविक खाद का प्रयोग कर नए तरीके की खेती शुरू की और मुनाफा कमा रही हैं, वो प्रेरक है. सुलफत ‘सुलफतस ग्रीन डायरी’ नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल भी चलाती है, जिसके जरिए वो लोगों की खेती के गुर भी सिखाती हैं.

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