कोरोना महामारी के इस दौर में आम तौर पर पीपल के पेड़ को ऑक्सीजन (Oxygen) का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाता है लेकिन क्या एक पीपल पेड़ के कारण कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का खतरा बढ़ा सकता है? नहीं ना लेकिन पटना के कंकड़बाग इलाके के एक मोहल्ले के लोग मोहल्ले में लगे एक पीपल के पेड़ को ही कोरोना का सबसे बड़ा कारण बता रहे हैं. लोगों का ये आरोप है कि पीपल के पेड़ की वजह से मोहल्ले में निगेटिविटी फैल रही है. पेड़ की वजह से मोहल्ले में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

दरअसल हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार पीपल के पेड़ के नीचे श्राद्ध क्रम का कार्य किया जाता है और इस मोहल्ले में लगे पीपल के पेड़ के नीचे भी रोज बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और अंतिम संस्कार का कार्य करते हैं. इस दौरान लोग हवन और दूसरे कार्य करते हैं जिसकी वजह से अगल-बगल निकले धुएं से लोग ना सिर्फ परेशान हैं बल्कि डरे भी हुए हैं.

लोग श्राद्ध कर्म के प्रयोग किए जा रहे सामान से भी परेशान हो रहे है, इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. समस्या यही नहीं है, मोहल्ले के लोगों का कहना है कि कई लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो रही है और उनके परिजन इसी पीपल के पेड़ के नीचे श्राद्ध करने आते हैं और इस दौरान मोहल्ले के दूसरे भाग में भी जाते है जिससे मोहल्ले वाले और भी डर रहे हैं.

मोहल्ले में रहने वाले एक बुजुर्ग इंद्रजीत कालरा कहते हैं कि मोहल्ले में सिर्फ़ यही एक पीपल का पेड़ है, इस वजह से अगल बग़ल के मोहल्ले से भी लोग पहुंच जाते हैं. पहले भी लोग श्राद्ध कर्म के लिए आते थे लेकिन तब कोई परेशानी नहीं होती थी लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हो रही मौत और उसके बाद उनके परिजनों के आने से परेशानी और डर बहुत बढ़ गई है.

हमारे घर में छह लोगों का परिवार है जिसमें तीन लोग कोरोना पॉज़िटिव हो गए हैं. घर के साथ-साथ अगल-बगल के लोग भी खिड़की तक नहीं खोलते, पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. ये मामला लोहिया पार्क के पीछे मोहल्ले का है.

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