इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रही है लेकिन बिहार सरकार के नए निर्देश की वजह से धार्मिक संस्थानों को बंद रखने की बात कही गयी है, ऐसे में इस बार मंदिरों के पुजारियों ने भी कोरोना गाइडलाइन्स के साथ सरकार से मंदिरों को खोलने की अनुमति मांगी है ।
ऐसा ही एक मंदिर है बिहार की राजधानी पटना के गोलघर पार्क रोड के पास स्थित अखण्डवासिनी मंदिर जहां नवरात्रि के मौके पर हर साल भक्तों की काफी भीड़ जुटती है ।
इस मंदिर में बारे में कहा जाता है कि यहां 108 सालों से भी ज्यादा समय से अखण्ड़ ज्योति जल रही और यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर के पुजारी विशाल तिवारी बताते हैं कि वैसे तो साल भर यहां श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में भक्त विशेष तौर पर यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं ।
राजधानी पटना के गोलघर स्थित अखंडवासनी मंदिर के मुख्य पुजारी विशाल तिवारी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हैं कि कोविड-गाइडलाइन के निर्दिष्ट मानकों के तहत नवरात्रि तथा चैती छठ के मद्देनजर राज्य में मंदिरों को भी खोले जाने की छूट प्रदान करें ।
उन्होंने कहा है कि जब सिनेमा हॉल खोले जा सकते हैं, रेस्टोरेंट खोले जा सकते हैं, दुकानों और निजी प्रतिष्ठानों को सीमित संख्या के साथ खोलने की अनुमति मिली है तो सरकार मंदिर को समिति संख्या के साथ खोलने की अनुमति दें. सिर्फ मंदिर तथा अन्य धार्मिक स्थानों पर ही यह रोक क्यों लगाया जा रहा है ?