बिहार (bihar) के गया जिले ने पूरे देश और विदेश में अपने आप एक अलग पहचान स्थापित की है. लेकिन अब यहां के नवयुवक भी एक से बढ़कर एक कृतिमान स्थापित कर उस पहचान में चार चांद लगा रहे हैं जो गया के गौरवशाली इतिहास के पन्नों में हमेशा याद रहेगा. दरअसल, गया शहर के खरखुरा इलाके के रहने वाले महेंद्र प्रसाद के इकलौते बेटे ने अपने पिता के उन सपनों को साकार कर दिया है जो वो बंद आंखों से देखा करते हैं I

11 में एक नाम सुधांशु का 
बेटे की सफलता के बाद पूरे परिवार में एक ऐसी खुशी देखने को मिल रही है जो शायद ही कभी देखने को मिलती होगी, क्योंकि उनके बेटे का चयन इसरो (ISRO) में हुआ है. बेटे ने अपनी लगन और पिता की कड़ी मेहनत के कारण इस सफलता को प्राप्त किया है. जानकारी के अनुसार, देशभर से कुल 11 लोगों का चयन ISRO में हुआ है, जिसमें महेंद्र प्रसाद के इकलौते बेटे सुधांशु कुमार भी शामिल है I

बचपन से पढ़ाई से था लगाव
सुधांशु ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उन्होंने सरकारी स्कूल में ही दसवीं और इंटर की परीक्षा पास कर NIT कुरुक्षेत्र से वर्ष 2015-19 में सिविल बीटेक किया. इस दौरान सुधांशु का कैम्पस सलेक्शन हो गया और वह जून 2019 में NCB फरीदाबाद में प्रोजेक्ट इंजीनियर के पद पर चयनित हुआ. जिसके बाद सुधांशु ने एक साल तक काम करने के बाद उसे छोड़ IIT रुड़की से M.tech किया I

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