बिहार में अब फेस्टिवल मूड खत्म हो गया है और सियासी मिजाज एक बार फिर से गरमाएगा। तेजस्वी ने आज सीधे-सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है।
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि बिहार में हर विभाग के अनुमानित बजट और वास्तविक व्यय में भारी अंतर होता है। यह मैं नहीं CAG की हर वर्ष की रिपोर्ट कहती है। समय लगे तो CM को स्वयं विगत 10 वर्षों की CAG रिपोर्ट पढ़नी चाहिए।
इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से सीधा सवाल करते हुए पूछा है कि मुख्यमंत्री नीतीश जी बतायें कि 8-10 वर्ष बाद भी उनके विभाग उपयोगिता प्रमाण पत्र क्यों नहीं जमा कर पाए है? अगर सब कुछ पारदर्शी और सही है तो फिर 10-10 वर्षों की देरी क्यों? क्या आप नैतिकता और कर्तव्य बोध को बेच जनता का पैसा के लिए गद्दी पर बैठे है? तेजस्वी ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि बिहार में शिक्षण के 56% और गैर-शिक्षण के 70% पद खाली है।
योजना मद का आधा हिस्सा खर्च होता है वर्षों से सभी विभागों के हजारों-लाखों करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिए गए है। तेजस्वी के इस निशाने पर जेडीयू क्या जवाब देता है इसका इंतजार है।