Success Story: आज के इस खबर में हम राजस्थान के सीकर जिला में खंडेला इलाके के दुल्हेपुरा गांव की रहने वाली शांति देवी (Shanti Devi) की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपने पति के निधन के बाद खुद से ही मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ाने के साथ – साथ अपना घर का खर्चा भी चलाते थे.
यह भी पढ़े – NDA का साथ छूटा तो शुरू किया UPSC की तैयारी, तीसरे प्रयास में हासिल किया 52वां रैंक बना IAS अधिकारी
SDM बनकर माँ के सपने को किया साकार
दोस्तों इनके पांच बेटे हैं. जिसके चलते उन्होंने अपनी बेटों को पढ़ाने के लिए मजदूरी, गाय, बकरी पालकर एवं बेचकर अपने बच्चे को पढ़ाया जिसके कारण आज उनका एक बेटा राजस्थान की एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (RAS) में ऑफिसर हैं. जिससे उनके पूरे गांव में उनकी मां को लोग SDM की मां कहकर पुकारती है.
नर्सिंग ऑफिसर बनकर किया माँ का नाम रौशन
Success Story: और उनका एक बेटा धर्मराज रूलानिया (Dharmaraj Rulaniya) भी एक नर्सिंग ऑफिसर है. जोकि एसएमएस अस्पताल जयपुर में कार्यरत है. एवं उनका छोटा बेटा हुक्मीचंद (hukmichand) भी बहुत पढ़ने में तेज है. उन्होंने अपनी 8वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक टॉप टेन में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं.
यह भी पढ़े – Success Story: 14वर्ष तक किए थे कॉन्स्टेबल की नौकरी, फिर अचानक मोबाइल फोन पर मैसेज आया और बन गए SDM
एवं उसके बाद उन्होंने अपने मां के सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत से पढ़ाई कर साल 2018 की प्रशासनिक सेवा परीक्षा में भी 18वीं रैंक हासिल कर RAS अधिकारी बनकर अपनी मां के सपने सहित अपने सपने को भी पूरा कर लिया. वही दोस्तों आपको बता दें कि इन सब बेटे की सफलता का श्रेय इनके मां को दिया जाता है.