अपने ठेठ देशी और चुटीले अंदाज के लिए मशहूर RJD सुप्रीमो लालू यादव की शादी की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम दिलचस्प नहीं है।

जब लालू की शादी तय हुई तो उनका परिवार कच्चे मकान में रहा करता था। आर्थिक हालत भी कुछ खास नहीं थी। जबकि राबड़ी देवी का परिवार लालू के परिवार से ज्यादा संपन्न था। उस वक्त राबड़ी देवी के पास पक्का घर था, अच्छी-खासी खेती-बाड़ी थी।

यही वजह थी कि राबड़ी देवी के चाचा इन दोनों की शादी के पक्ष में नहीं थे, लेकिन राबड़ी के पिता को लालू यादव पसंद आ गए थे। वे शादी के पक्ष में थे।

इस बात को लेकर दोनों में काफी बहस और लड़ाई भी हुई। हालांकि अंत में राबड़ी के पिता की बात मानी गई और दोनों की शादी पक्की हो गई। उस वक्त लालू 25 साल के थे और राबड़ी देवी की उम्र 14 साल थी।

ज़ी टीवी के चर्चित टॉक शो ‘जीना इसी का नाम है’ के एक एपिसोड में जब लालू और राबड़ी पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी शादी से जुड़ी तमाम बातें भी साझा की थीं। लालू यादव ने बताया था कि शादी से पहले उन्होंने राबड़ी देवी को देखा तक नहीं था।

लालू ने बताया कि जब वे थोड़ा एडवांस हो गये (एडवांस होने का तात्पर्य पटना विश्वविद्यालय में पढ़ने लगे और देश-दुनिया को समझने लगे) तो उन्होंने अपना एक प्रतिनिधि राबड़ी देवी को देखने के लिए भेजा था।

उनके प्रतिनिधि ने कहा कि लड़की बहुत सुंदर है, धनी और संपन्न किसान घर की है। इस पर लालू ने शादी के लिए हां कह दिया।

लड़की वाले आए तो लुंगी-बनियान में थे लालू: अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना’ में लालू यादव ने लिखा है कि जब पहली बार राबड़ी देवी के परिवार वाले उन्हें देखने आए थे, तो उस वक्त वो लुंगी और बनियान में थे।

राबड़ी के घर वालों ने मेरे खेत-खलिहान, मवेशी, रहन-सहन और मेरा कच्चा मकान देखा तो उनको ज्यादा खुशी नहीं हुई थी क्योंकि ये सारी चीजें मेरे पास राबड़ी के परिवार से कम थीं।

यहां तक कि मेरे घर में अक्सर बरसात के दिनों में पानी टपकता रहता था। हालांकि आगे उन्होंने लिखा है कि जब राबड़ी के परिवार वाले उनसे मिले और बातचीत की तो उनकी सरलता और विनम्रता से प्रभावित हो गए।

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