शादी के 17 साल बाद ग्रेजुएशन किया, फिर बीपीएससी क्वालिफाई कर बनीं अफसर : महिला दिवस पर एक ऐसी महिला की बात जो संयुक्त परिवार में रहते हुए शादी के 17 साल बाद अपने बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते खुद सेल्फ स्टडी से प्रशासनिक अफसर बनी।
यह कहानी औरंगाबाद जिला पंचायती राज पदाधिकारी मुकेश कुमार की पत्नी शिखा सिन्हा की है। जो वर्तमान में पटना जिला के उप निर्वाचन पदाधिकारी हैं। शिखा बचपन में वह अधिकारी बनने की सपना देखती थी, लेकिन कम उम्र में उनकी शादी हो गई।
उस वक्त वह इंटर तक पढ़ाई की थी। इसके बाद पढ़ाई पर बिराम लग गया। पति, सास, ससुर व संयुक्त परिवार की सेवा में जुट गई। फिर दो बच्चों की परवरिश में लग गई, लेकिन हौंसला नहीं हारी। आत्मविश्वास था वह कुछ भी कर सकती हैं।
डिस्टेंस मोड से अपनी पढ़ाई पूरी की : सासाराम की शिखा सिन्हा की शादी 2002 में गया के मुकेश कुमार से हुई। तब मुकेश यूपी में एक्साइज इंस्पेक्टर थे। शिखा शादी के बाद यूपी चली गईं।
फिर उनके पति बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बन गए। इसके बाद वे बिहार आ गईं। औरंगाबाद और कैमूर में पति की पोस्टिंग रही। फिर दो बच्चों की परवरिश में उलझ गई।
वे बताती हैं कि सुबह 5 बजे जगती थी और रात 12 बजे सोती थी। बच्चों को खुद पढ़ाती थी। इसी बीच उनके बचपन का सपना भी पलता रहा। शिखा ने पति से पढ़ाई कर अफसर बनने की इच्छा जताई।
इग्नू से डिस्टेंस मोड से ग्रेजुएशन किया। सामाचार पत्रों व पत्रिकाओं और पुस्तकें पढ़ीं। 2015 के दिसंबर में बीपीएससी की परीक्षा में शामिल हुईं। 2018 में उसका रिजल्ट आया। शिक्षा कहती हैं, सफलता की कोई उम्र नहीं होती, खुद पर भरोसा होना जरूरी है।