Munshi Premchand: अपनी रचनाओं के नाम के सागर से तृप्त करने वाले का जाने सफर

मुंशी प्रेमचंद्र को धनपतराय के नाम से जाना जाता था. यह उर्दू और हिंदी के लेखक हैं. जुलाई 18 साक्षी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के लमही नामक गांव में उनका जन्म हुआ था. इनके पिता अजायब राय था. प्रेमचंद्र ने लेखन की शुरुआत जमाना पत्रिका से की थी शुरुआत में वह धनपत के नाम से लिखते थे.

Image credit : Instagram

इन्हीं की पहली कहानी सरस्वती पत्रिका में सोते नाम से प्रकाशित हुई थी. उन्होंने 13 साल कहानियां और कई लेख रचना की है. और कई नाटक भी लिखे थे. यह मजबूर फिल्म की कहानी भी लिखते थे. प्रेमचंद ने 1898 में दसवीं की परीक्षा पास की एक स्थानीय विद्यालय में अध्यापक के पद पर नौकरी की और साथ ही पढ़ाई जारी रखी.

Image credit : Instagram

आपको बता दे की प्रेमचंद ने 1910 में इंटर का परीक्षा पास की और शिक्षा विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हुए थे. खास बात यह है की 15 साल की उम्र में इनकी शादी हुआ था जो सफल नहीं रहा और दूसरी शादी शिवरानी देवी से शिवा रानी बाल विधवा की.

Image credit : Instagram

इनकी दूसरी की दूसरी शादी प्रेमचंद से हुआ था प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियां जैसे गोदान का शतरंज के खिलाड़ी नमक का दरोगा और सेवा सदन इत्यादि बीमार पड़ गए थे. 8 अक्टूबर 1936 को मृत्यु हो गई थी मंगलसूत्र उपन्यास अधूरी रह गई थी उस उपन्यास को उनके बेटे ने पूरी की थी मुंशी प्रेमचंद एक महान कवि थे.

Image credit : Instagram

मुंशी प्रेमचंद का कौन सा कहानी आपको पसंद है कमेंट में जरुर बताए

Image credit : Instagram