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दोस्तों एक बहुत अछि कहावत है की सफलता एक दिन में नहीं मिलती है लेकिन मेहनत करने से एक दिन जरूर मिलती है | आज आपको इस खबर में हम एक ऐसे लड़की के बारे में बताने जा रहे है जिसका जीवन में शुरू से ही परेशानिया आई लेकिन वो कभी परेशानिया से घबराई नहीं.

और सबसे बड़ी बात यह है की वो सभी परेशानिया से डटकर मुकाबला की और उसे आखिरी में सफलता भी मिली दोस्तों जिसके बारे में हम बात कर रहे है उसका नाम है उम्मुल खैर (Ummul Khair) यह काफी गरीब परिवार से आती है | झुग्गी झोपडी में रहती थी.

बाद में इसका शारीर के हड्डी भी बहुत कमजोर हो जाती है उसके बाद यह पूरा विकलांग भो हो जाती है लेकिन फिर भी पढ़ाई करना नहीं छोडती है | आपको बता दे की उम्मुल खैर (Ummul Khair) साल 2016 की upsc की स्टूडेंट थी | उम्मुल खैर (Ummul Khair) का परिवार शुरू से ही आर्थिक तंगी से झुझ रहा होता है |

और उस स्थिति में उन्मूल खैर अपना हौसला नहीं खोती है. और अपनी पढ़ाई जारी रखती है. इनके घर के आर्थिक स्थिति अच्छे नहीं होने के कारण इनके पिता सड़क के किनारे मूंगफली बेचते थे जिसके कारण इनका घर परिवार चालकता था. फिर एक समय आता है नजब इनका घर भी हटा दिया जाता है.

दोस्तों यह पहले सरकारी जमीन में रहते है इसी कारण से इनका घर हटा दिया जाता है. और ये बेघर हो जाते है. फिर ये लोग किसी और जगह पर अपना झुग्गी बना लेते है लेकिन इसी बिच इनके परिवार पर एक और विपदा आ जाती है. दोस्तों उसी क्रम में इनकी माँ की निधन हो जाती है जिस वजह से पूरा परिवार टूट जाता है.

फिर शादी के बाद घर में कोई खाना बनाने वाला नहीं होता है. इनलोगों को बहुत कष्ट होता है लेकिन ये कष्ट इनके पिता को देखा नहीं जाता है और इनके पिता दूसरा शादी कर लेते है की मेरी बेटी को तकलीफ न हो और खाना बनाने के लिए घर में एक लोग हो जायेगी और मेरी पढाई अच्छे से कर सकेगी.

लेकिन उम्मुल खैर (Ummul Khair) की सौतेली माँ भी इसके साथ अच्छा वयवहार नहीं करती है और एक समय ऐसा भी आता है जब उम्मुल खैर (Ummul Khair) को घर छोड़ना पड़ता है. क्यूंकि इनके घर के लोग पढाई के खिलाफ होते है और वो लोग नहीं चाहते है की उम्मुल खैर (Ummul Khair) पढ़ सके.

इस वजह से उम्मुल खैर (Ummul Khair) को घर छोड़ना पड़ता है. और फिर उम्मुल खैर (Ummul Khair) घर छोड़कर किसी किराए के मकान में रहने लगती है. उसके बाद इसको पैसे की बहुत दिक्कत होती थी. खाने को पैसा नहीं था. फिर उम्मुल खैर (Ummul Khair) ने छोटे-छोटे बच्चो को ट्यूशन पढाना शुरू किया |

जिससे उसको महीने में ५०० से १००० रुपया होता था. जिससे उम्मुल खैर (Ummul Khair) पढ़ती भी थी.और खाना भी खाती थी. लेकिन उसी बिच वो देश के सबसे कठिन परीक्षा में से एक परीक्षा यूपीएससी का पेपर देने का सोचती हैं और मन में ठान लेती है चाहे जो हो जाए हमें यह करना है.

और दोस्तों ख़ुशी की यह बात है की उम्मुल खैर (Ummul Khair) ने उसू वक़्त से मेहनत करना शुरू कर दिया और फिर जब समय आया एग्जाम का एग्जाम देने गई. और परीक्षा हुई परीक्षा में 420वां रैंक हाशिल करके एक इतिहास रच दी. एक लड़की इतना संघर्ष करने के बाद देश के सबसे कठिन परीक्षा पास की……. उसके लिए उन्हें हमारे पुरे टीम की तरफ से हार्दिक शुभकामनाये | आप जीवन में खूब तरक्की कीजिये.

Sonu Roy is originally a resident of Samastipur district of Bihar, has been working as a writer in digital journalism for the last 4 years. In his career of 4 years, he has good experience from politics, automobile, motivation, sports to technology field.