पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 177 मलिन बस्तियां हैं। निगम द्वारा चिह्नित मलिन बस्तियों में एक लाख 65 हजार 250 लोग रहते हैं।
यहां रहने वाली आबदी को नगर निगम अभी तक जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पाया है। इनके पुनर्विकास की बात तो अभी दूर है।
पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वे में पटना इसलिए भी निचले पायदान पर था क्योंकि इन बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं।
इतना ही नहीं मलिन बस्तियों को ओडीएफ का सर्टिफिकेट भी नहीं मिल पाया था। हालांकि, इस बार निगम ने ओडीफ और ओडीएफ प्लस के लिए भारत सरकार के पास आवेदन किया है।
इन सभी मलिन बस्तियों में जिसमें झुगी-झोपड़ी भी शामिल हैं। इनके पुनर्विकास के लिए पटना नगर निगम के पास कोई समेकित योजना नहीं है।
पिछले वित्तीय वर्ष के निगम के बजट में कमला नेहरू स्लम विकास के लिए 190 करोड़ की योजना बनी थी। जो आज तक पूरी नहीं हो पायी।
वहीं शरीफागंज मलिन बस्ती के लिए 40 करोड़ और बेगमपुर झुगी-झोपड़ी मलिन बस्ती के विकास के लिए 93 करोड़ की योजनाएं भी लटकी हुई हैं।
बाकी के स्लम बस्तियों के विकास की तो बात ही दूर है।