बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सभी स्कूल में अब डीजल या पेट्रोल के वाहन नहीं चलेंगे. जिला प्रशासन ने सभी स्कूल के लिए एक नई दिशा निर्देश जारी कर दी है. जिसमे कहा गया है की स्कूल के बच्चे के लिए स्कूल बस अब या तो CNG से चलेगी या फिर इलेक्ट्रिक बस का इस्तेमाल कर सकते है. दिशा निर्देश का उल्लघन करने वाले को 1 लाख तक का चालान कट सकता है.
मुजफ्फरपुर जिला बिहार का एक विकसित जिला है. कई तरह की बड़ी बड़ी स्कूल यहाँ बच्चों को बढ़ाते है. बच्चों को लाने-पहुचने के लिए अब डीजल बस या वाहन के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. सभी स्कूल संचालक को कहा गया है की पुराने डीजल वाले वाहन को अतिशीघ्र CNG या इलेक्ट्रिक बस में बदल लें. सभी को इस दिशा निर्देश का पालन करना होगा चाहे वह वाहन प्राइवेट हो या स्कूल का अपना हो. निमय के विरुद्ध जाने पर 1 लाख रुपए तक का चालान कट जायेगा.
बिहार के मुजफ्फरपुर में जारी किया गया दिशा निर्देश इस प्रकार हैं.
- स्कूल बस में कम से कम दो इमरजेंसी द्वार होना चाहिए.
- इलेक्ट्रिक या CNG स्कूल बस में जरुरत से ज्यादा बच्चे को ठूस कर न बैठाये.
- बस का रंग पिला होना चाहिए . या फिर सुनहरा भूरे रंग का भी हो सकता हिया.
- CNG स्कूल वाहन में बच्चों के बैग रखने के लिए पर्याप्त जगह होना चाहिए.
कुछ दिशा निर्देश और भी है.
- किराये वाले बस पर ऑन स्कूल डयूटी लिखा होना चाहिए.
- CNG या इलेक्ट्रिक स्कूल बस में दिव्यांग बच्चे के लिए विशेष सुविधा होने चाहिए.
- बच्चे के अभिभावकों के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए है. जैसे लगातार 15 दिन से ज्यादा स्कूल की छुट्टी होने पर आधा महीने का बस का किराया लिया जाए.