बिहार वासियों को अब घर बनाने में थोरा और जेब ढीली करनी पड़ेगी. बता दे की बालू की किल्लत के चलते निजी व सरकारी निर्माण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. खनन बंद होने के करीब 11 दिन में बालू की कीमत में करीब दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है. चार हजार रुपए प्रति सीएफटी बिकने वाला बालू साढे आठ हजार से नौ हजार रुपए बिक रहा है. बालू खनन फिर से शुरू होने तक रेट और उपर चढ़ने की आशंका जतायी जा रही है.
आसमान पर कीमत
खबरों की माने तो आसमान पर कीमत चढ़ जाने से निर्माण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ना प्रारंभ हो गया है. बालू खनन में संलिप्त, व्यवसायिक वाहन पर लोड-अनलोड में शामिल, भवन निर्माण सामग्री की दुकानों में कार्यरत मजदूरों के अलावा सरकारी एवं निजी निर्माण कार्य में शामिल कामगारों के सामने बेकारी की समस्या पैदा होने लगी है. पूर्व से लॉकडाउन की मार झेल रहे मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है.
उंची कीमत पर बेच रहे बालू का भंडारण किये व्यवसायी
आपको बता दे की पहले से बालू का भंडारण कर चुके व्यवसायी इसे उंची कीमत पर बेच रहे हैं. साथ ही बरसात के दिनों में और अधिक दाम में बेचे जाने को लेकर बालू नहीं होने की भी बात ग्राहकों से कही जा रही है. इससे वैसे लोग अधिक परेशान हैं, जिनके मकान निर्माण का काम चल रहा है. कारोबारी पहले से ही प्रचुर मात्रा में बालू डंप कर रखे हैं, ताकि निर्माण कार्य से जुड़े संवेदकों व आम लोगों को मनमाने रेट बेच सके.