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एक बार फिर से बिहार की लाल ने बिहार के साथ साथ देश का नाम रोशन किया. बता दे की इस बार बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के सरेंजा गांव के सिंचाई विभाग में कार्यरत अमरनाथ चौबे के पुत्र नंदन चौबे ने हिमालय के कलानाग पर्वत पर सफलतापूर्वक पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया है. इसके लिए नंदन को 10 दिनों की लंबी और मुश्किल भरी चढ़ाई करनी पड़ी है. कलानाग पर्वत हिमालय पर्वत श्रृंखला में शामिल वह चोटी है जो कि उत्तराखंड में है. कलानाग या काली चोटी पर्वत का शाब्दिक अर्थ ब्लैक कोबरा है, यह रूइंसारा घाटी के करीब है. इस चोटी पर पहली बार 1955 में जैक गिब्सन और दून स्कूल, देहरादून के छात्रों ने फतह पाई थी. नंदन चौबे ने अपने चार दोस्तों के साथ उसकी चढ़ाई शुरू की थी.

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खास बात यह है की नंदन चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और बचपन से ही पर्वतारोही बनने का सपना था. नंदन ने 6,387 मीटर ऊंची चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और भारतीय ध्वज को कलानाग पर्वत पर फहरा दिया. आने वाले 25 मई को नंदन मिनी एवरेस्ट के लिए चढ़ाई पर जाने वाले है जो उत्तराखंड में है. हालांकि, नंदन का लक्ष्य एवरेस्ट चोटी है. माउंट एवरेस्ट पर फतह पाना उनका सपना है.

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कलानाग की सफलता से बढ़ा आत्मविश्वास : आपको बता दे की नंदन ने बताया कि वह हर संभव एवरेस्ट पर चढ़ाई करेंगे. पहली बार में ही कलानाग की सफलता पाई है. इसके बाद मिनी एवरेस्ट पर चढ़ाई करने जा रहे हैं. उसके बाद माउंट एवरेस्ट चोटी की चढ़ाई भी करेंगे. नंदन ने यह भी बताया कि माउंट एवरेस्ट पर फतह पाना उनका पूर्व से ही सपना है, जिसकी वह तैयारी में भी लगे हुए हैं और हर हाल में वह अपने इस सपने को पूरा करेंगे, ताकि देश और बिहार सहित अपने जिला का भी नाम रौशन कर सकें.

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