बिहार में नए प्राइवेट स्कूलों को सीबीएसई और आइसीएसई से संबद्धता प्राप्त करना अब आसान नहीं होगा। जानकारों की माने तो एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) देने के लिए कड़े प्रविधान किए जा रहे हैं। स्कूल प्रबंधन को एनओसी के लिए शिक्षा विभाग से स्थल निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कराना जरूरी होगा।
बताया जा रहा है की आनलाइन आवेदन में स्कूल के बारे में जो भी जानकारी दी जाएगी, उसके आलोक में ही जांच टीम निरीक्षण करेगी और संतुष्ट होने पर जियो मैपिंग कराकर रिपोर्ट देगी।
स्कूल की मान्यता के लिए एक एकड़ जमीन अनिवार्य : खास बात यह है की बिहार में अब सिर्फ रजिस्टर्ड सोसायटी को प्राइवेट स्कूल खोलने की मान्यता मिलेगी। स्कूलों के प्रस्ताव पर तभी विचार किया जाएगा, जब निर्धारित अर्हता पूरी होगी। इसमें शहरी क्षेत्र में कम से कम एक एकड़, अनमुंडल में डेढ़ एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में दो एकड़ जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
वही इससे कम जमीन होने पर मान्यता नहीं दी जाएगी। कम जमीन पर एनओसी तो दूर आवेदन को ही खारिज कर दिया जाएगा।
258 स्कूल ऐसे हैं जो पूरा नहीं करते अर्हता : आपको बता दे की एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि विभिन्न जिलों से मिली रिपोर्ट में ऐसे 258 निजी स्कूलों की जानकारी मिली है, जो अर्हता पर खरा नहीं उतरते हैं। ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट सीबीएसई/आइसीएसई को भेजी जाएगी ताकि उसके संज्ञान में रहे कि ऐसे स्कूलों की मान्यता देने से पहले सरकार की एनओसी जरूर प्राप्त कर लें। इतना ही नहीं, दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो शहर के बीचोंबीच हैं, ऐसे में या तो स्कूल शिफ्ट करना होगा, या फिर बंद ही एकमात्र विकल्प बचेगा।