बिहार में अभी गर्मियों का सीजन चल रहा है. इसी बीच बिहार की मशहूर शाही लीची इस साल इंग्लैंड व मलेशिया तक जायेगी. खास बात यह है की इसके लिए शहर से मात्र छह किमी की दूरी पर स्थित पुनास और मनिका गांव के बगीचा से फल भेजने की तैयारी की जा रही है. पुनास के प्रिंस कुमार व मनिका के रजनीश कुमार एपिडा (एक्सपोर्ट व इंपोर्ट कंपनी) के माध्यम से लीची का निर्यात करेंगे. उन्होंने बताया की पहली खेप 15 मई तक भेजी जा सकती है. प्रिंस कुमार ने बताया कि मार्केट ठीक-ठाक रहा, तो इस सीजन में 50 टन लीची इंग्लैंड व मलेशिया भेजी जायेगी. इसके अलावा दूसरे प्रदेशों व लोकल बाजार में लीची की मांग है.
लीची को बारिश का इंतजार : बताया जा रहा है की लीची के लिए आने वाले 15 दिन काफी अहम हैं. लीची को बारिश की जरूरत है. बारिश से फल में लाली के साथ मिठास आयेगी.
बोरॉन की कमी से फट रही लीची : जानकारों की माने तो बिहार में इस बार लीची पिछले कई साल से अच्छी है. लेकिन शहर के आसपास बैरिया, कांटी, कन्हौली के आसपास के बगीचा की लीची लाल होकर फट रही है. बता दे की इसकी एक वजह प्रदूषण भी है. दूसरी वजह लीची के पेड़ में बोरॉन व नमी की कमी बतायी जा रही है. बारिश हो जाने पर लीची नहीं फटेगी.