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जीवन में माता-पिता की कितनी अहमियत होती है ये उन बच्चों को देखकर समझा जा सकता है जिनके माता-पिता ने उन्हें छोड़ दिया हो या फिर किसी दुर्घटना के चलते वो अपने मां-बाप को खो चुके हों।

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2 साल पहले अपने पिता को एक एक्सीडेंट में खो देने और अब पति की मृत्यू के बाद सदमें में आई मां के मानसिक रोग अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद रोते हुए मेरठ(Meerut) के रहने वाले 14 वर्षीय अनमोल(Anmol) ने जब कहा – “अब मैं कहां जाऊंगा” तो उसके इस करुण क्रंदन को सुन पुलिस अधिकारी भी हक्का-बक्का हो गये।

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माता-पिता के अलावा अनमोल का कोई और रिश्तेदार न होने के चलते मेरठ स्थित कंकरखेड़ा थाने (Kankerkhera Police Station)के स्टेशन हाउस ऑफिसर सागर(Station House Officer – SHO) ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए थाने द्वारा अनमोल को गोद लेने का फैसला किया है।

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वर्तमान में पुलिस थाने में मनाया गया अनमोल के जन्मदिन का विडियो लोगों को खूब पसंद आ रहा है।

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Times Of India से हुई बातचीत में कंकरखेड़ा थाने के SHO सागर ने कहा कि – “पिछले 2 वर्षों से अनमोल की मां अपने पति को अचानक सड़क हादसे में खो देने से बीमार थी और जैसे-तैसे जीवन का सामना कर रही थी।

लेकिन अब मानों उसका धैर्य जवाब दे गया था और पति के साथ हुए इस हादसे का अंतिम असर यह हुआ कि अनमोल की मां अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है।

जिसके चलते उन्हे आगरा के मानसिक रोग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, इस बात का अभी कोई अनुमान नही है कि वो कब तक ठीक हो पाएंगी, क्योंकि अब इस बच्चे का इस दुनिया में कोई नही है ऐसे में हमने फैसला लिया है कि अनमोल को अपने साथ थाने ले जाया जाये”

मार्गदर्शन की कमी बना सकती है बच्चों को अपराधी

SHO सागर के मुताबिक- “किसी भी कारणवश जिन बच्चों के सिर पर अपने बड़ों का साया नही रहता वो अक्सर अपराध की दुनिया में चले जाते हैं।

हम नही चाहते कि अनमोल के साथ भी ऐसा कुछ हो इसलिए मैं खुद उसकी सारी जिम्मेदारी लेता हूं।

वह एक होनहार लड़का है अगर हम उसे प्रेरित करते हैं तो उसका भविष्य उज्जवल हो सकता है”

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.