आमतौर पर भारतीय घरों में लोग एक मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं :- ‘रत्ती भर’ । यह शब्द लगभग हर जगह कहीं न कहीं सुनने को मिलता है।
आपने भी इस शब्द को बोला होगा और बहुत लोगों के जुबान से सुना भी होगा।
कभी किसी पर गुस्सा आता है तो हम कह देते हैं कि तुम्हें – रत्ती भर भी शर्म नहीं आई? लेकिन क्या आपने कभी इस रत्ती का मतलब जानने की कोशिश किया है? आखिर यह शब्द आया कहां से, और इसका मतलब क्या होता है?
बहुत बार हम रत्ती का मतलब- थोड़ा या ,कम समझ लेते हैं, लेकिन इसकी वास्तविक परिभाषा या, कहे तो यह वास्तविक रूप में यह बिल्कुल ही अलग है।
आपको यह जानकर बहुत ही हैरानी होगी कि यह एक प्रकार का पौधा है । रत्ती एक पौधा है, और रति के दाने काले और लाल रंग के होते हैं। यह बहुत आश्चर्य का विषय सबके लिए है।
जब आप इसे छूने की कोशिश करेंगे तो यह आपको मोतियों की तरह कड़ा प्रतीत होगा और यह पक जाने के बाद पेड़ों से गिर जाता है।
जब लोगों ने इसमें रुचि दिखाइ, और इसकी जांच पड़ताल शुरू की तो सामने आया कि प्राचीन काल में या पुराने जमाने में कोई मापने का सही पैमाना नहीं था।
इसी वजह से रत्ती का इस्तेमाल सोने या किसी जेवरात के भार को मापने के लिए किया जाता था।
वहीं सात रत्ती सोना या मोती माप के चलन की शुरुआत मानी जाती है।