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भारत में इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स को लेकर मांग बढ़ती जा रही है। लोग बढ़ती ईंधन कीमतों को लेकर इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिसे लेकर कंपनियां एक के बाद एक नए व आकर्षक फीचर्स के साथ इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स लेकर आ रही हैं। लेकिन ऊंची कीमत और कम ट्रैवलिंग पावर बिहार में इलेक्ट्रिक कार के इस्तेमाल में प्रमुख बाधा बन गयी है. बीते चार वर्षों में केवल 118 इलेक्ट्रिक कार बिहार में पंजीकृत हुई है जिनमें 100 से अधिक पटना डीटीओ में पंजीकृत है.

एक बार चार्ज होने के बाद महज 250 किमी की यात्रा की क्षमता : आपको बता दे की एक बार चार्ज होने के बाद महज 250 किमी की यात्रा की क्षमता के कारण लोग शहर से बाहर इ-कार को ले जाने लायक नहीं समझते क्योंकि 125 किमी से अधिक दूरी तक जाने के बाद इसका बिना रिचार्ज घर वापस लौटना संभव नहीं है. रिचार्ज की सार्वजनिक सुविधाएं विकसित नहीं हुई हैं. यही वजह है कि लोग इन्हें खरीदने से परहेज कर रहे हैं और महीने में छह-सात से अधिक ये नहीं बिक रही हैं.

पेट्रोल माॅडल से 75 फीसदी तक अधिक कीमत : मीडिया रिपोर्ट की माने तो बिहार में अभी केवल पटना में इलेक्ट्रिक कारें बिक रही हैं. यहां तीन डीलर हैं और तीनों केवल टाटा की कार बेच रहे हैं. इनमें नेक्सोन और टेगोर दो मॉडल की कारें शामिल हैं. टिगोर की इ-कार की कीमत 14 लाख है, जबकि इसके पेट्रोल वर्जन की कीमत केवल आठ लाख है. यह इ-कार अपने पेट्रोल वर्जन की तुलना में 75 फीसदी महंगा है.

प्रदेश में दौड़ रहे 58 हजार इ-रिक्शा और छह हजार इ-स्कूटी : खास बात यह है की 64,868 इलेक्ट्रिक वाहन बिहार की सड़कों पर दौड़ रहे हैं. इनमें 58 हजार इ-रिक्शा और छह हजार स्कूटी शामिल हैं. पटना की सड़कों पर 26 इलेक्ट्रिक बसें भी सिटी बस सेवा में दौड़ने लगी हैं. इनमें एक मुजफ्फरपुर होते हुए दरभंगा और दो राजगीर भी जाती है.

इ-वाहन संख्या

  • स्कूटी 6009
  • मोपेड 63
  • मोटरकार 118
  • मोटर लगी साइकिल 50
  • बस 26
  • इ-रिक्शा (यात्री ढोने वाली) 57202
  • इ-रिक्शा (समान ढोने वाले) 1041
  • थ्री व्हीलर (यात्री ढोने वाले) 354
  • एडॉप्टेड वाहन 1

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.