आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवा रहे हैं जिनके दोस्ती के क़सीदे अब भारत समेत अन्य देशों में भी पढ़े जाते हैं।
हम बात कर रहे हैं राघवेंद्र कुमार की जिन्हें लोग हेलमेट मैन के नाम से भी जानते हैं अब ये नाम कैसे पड़ा इसकी तरह इसके पीछे की कहानी भी बहुत दिलचस्प है।
दरअसल, 2014 में बिहार के कैमूर जिले में रहने वाले राघवेंद्र कुमार ने अपने जिगरी दोस्त को बाइक हादसे में खो दिया था।
इस घटना का असर राघवेंद्र पर इतना ज़्यादा पड़ा कि उन्होंने नौकरी के साथ ही लोगों को हेलमेट दे कर उनकी जान बचाने का प्रण ले लिया।
अब तक 48000 हजार लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं
अभी तक मैंने 48000 हजार लोगों को तथा 22 राज्यों में हेलमेट बांट दिया है।
पहले लोग हेलमेट लेने के बाद इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश नहीं करते थे लेकिन जब मैंने बताया तो लोग हेलमेट के साथ ही अपनी ज़िंदगी को भी सीरियसली लेने लगे।”
एक आंकड़े के अनुसार 2018 में 43,600 लोगों की मौत हेलमेट ना लगाने की वजह से हुई। वहीं साल 2017 में यह संख्या 35,975 थी।
मतलब, अगर लोग बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनें, तो हर साल हजारों लोगों की जान बच सकती है।