blank 22

 आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवा रहे हैं जिनके दोस्ती के क़सीदे अब भारत समेत अन्य देशों में भी पढ़े जाते हैं।

Also read: बिहारवासियों के लिए खुशखबरी, मुजफ्फरपुर से हावड़ा के लिए दो अमृत भारत ट्रेन

हम बात कर रहे हैं राघवेंद्र कुमार की जिन्हें लोग हेलमेट मैन के नाम से भी जानते हैं अब ये नाम कैसे पड़ा इसकी तरह इसके पीछे की कहानी भी बहुत दिलचस्प है।

Also read: छपरा, पटना के साथ बिहार के कई रूट पर चलेगी समर स्पेशल ट्रेन, देखें लिस्ट

दरअसल, 2014 में बिहार के कैमूर जिले में रहने वाले राघवेंद्र कुमार ने अपने जिगरी दोस्‍त को बाइक हादसे में खो दिया था।

Also read: बिहार के इन स्टेशनों से चलेगी सूरत और रतलाम के लिए स्पेशल ट्रेन, जाने टाइमिंग

इस घटना का असर राघवेंद्र पर इतना ज़्यादा पड़ा कि उन्होंने नौकरी के साथ ही लोगों को हेलमेट दे कर उनकी जान बचाने का प्रण ले लिया।

अब तक 48000 हजार लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं

अभी तक मैंने 48000 हजार लोगों को तथा 22 राज्यों में हेलमेट बांट दिया है।

पहले लोग हेलमेट लेने के बाद इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश नहीं करते थे लेकिन जब मैंने बताया तो लोग हेलमेट के साथ ही अपनी ज़िंदगी को भी सीरियसली लेने लगे।”

एक आंकड़े के अनुसार 2018 में 43,600 लोगों की मौत हेलमेट ना लगाने की वजह से हुई। वहीं साल 2017 में यह संख्या 35,975 थी।

मतलब, अगर लोग बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनें, तो हर साल हजारों लोगों की जान बच सकती है।

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.