बिहार के लोगों के लिए बहुत ही अच्छी खबर है. बता दे की बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को कहा कि गया में विष्णुपद मंदिर के पास फल्गू नदी पर निर्माणाधीन बिहार के पहले रबर बांध का निर्माण कार्य अगले पितृपक्ष मेला यानी अगस्त, 2022 तक पुरा कर लिया जाएगा। झा ने कहा कि योजना को अक्टूबर 2023 तक पूरा किया जाना था पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के निर्देश पर अब इसे चालू साल में पूरा कर लिया जायेगा। बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जल संसाधन विभाग के बजटीय मांग पर वाद-विवाद के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए संजय कुमार झा ने यह जानकारी दी।
आपको बता दे की बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बिहार के गया शहर स्थित प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर साल पिंडदान के लिए आते हैं। लेकिन फल्गू नदी में मॉनसून अवधि के बाद जल प्रवाह बहुत कम हो जाने के कारण श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत मंदिर के 300 मीटर निम्न प्रवाह में 405 मीटर की लंबाई में तीन मीटर ऊंचे रबर बांध का निर्माण कराया जा रहा है। झा के मुताबिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहर में सालों भर पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिहार की पहली गंगा जल आपूर्ति योजना भी पूर्णता के करीब है।
खास बात यह है की बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि छोटी-छोटी नदियों के अधिशेष जल को दूसरी नदी में स्थानांतरित करने के लिए नदियों को आपस में जोडने के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में विभाग का शिवहर जिला स्थित बेलवाधार स्कीम एक कारगर कदम साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के द्वारा बागमती नदी के अधिशेष जल को बूढी गंडक नदी में प्रवाहित करना है। दो चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के पहले चरण के अंतर्गत बागमती नदी के दायें तट पर बेलवा के नजदीक हेड रेगुलेटर का निर्माण, बांध का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस चरण का 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा इसे वर्ष 2022 में पूर्ण कराने का लक्ष्य है।
बताया जा रहा है की नदी जोड़ योजना के तहत बिहार की कोसी-मेची लिंक योजना एक अति महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना है। इस योजना के अंतर्गत कोसी-मेची मुख्य लिंक नहर अररिया जिले में पूर्वी कोसी मुख्य नहर से निकलकर और 76.20 किलोमीटर दूरी तय कर किशनगंज में मेची नदी से मिले