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चमचमाती बीएमडब्ल्यू, जिसमें रायफल से लेकर जेट स्पीड की सुविधा। ऐशो आराम की तमाम चीजों से भरी जिंदगी। सीक्रेट एजेंट की ऐसी लाइफस्टाइल सिर्फ रील लाइफ में ही दिखती है।

चाहे जेम्स बॉन्ड हों या हिन्दी फिल्म ‘एक था टाइगर’, जिसमें सलमान खान भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट बने हैं।

रीयल लाइफ का असली टाइगर आज भी जिंदा है लेकिन दाने-दाने को मोहताज है। नजीबाबाद के रहने वाले मनोज रंजन दीक्षित ने जब डीएम दफ्तर में दिवस अधिकारी के सामने कहा कि सर, मैं पूर्व रॉ एजेंट हूं।

मुझे रहने के लिए छत चाहिए तो वह हैरान रह गए। डीएम नहीं मिले इसलिए उनको लौटना पड़ा।

जासूसी के जुर्म में पाकिस्तान में गिरफ्तार होने के बाद 2005 में बाघा बॉर्डर पर छोड़े गए मनोज रंजन दीक्षित कुछ साल पहले पत्नी का इलाज कराने लखनऊ आए थे।

पाकिस्तान से छूटने के बाद 2007 में उनकी शादी हुई लेकिन कुछ समय बाद पता चला कि पत्नी को कैंसर हो गया है। 2013 में पत्नी की मृत्यु हो गई।

तब से वे लखनऊ में हैं। गोमतीनगर विस्तार में स्टोर कीपर की नौकरी कर रहे थे, जो लॉकडाउन में छूट गई। तब से मुफलिसी ने घेर लिया।

पाकिस्तान में यूनुस, यूसुफ और इमरान बनकर रहे। अफगानिस्तान बॉर्डर पर गिरफ्तार होने के बाद कई बार टॉर्चर किया गया लेकिन उन्होंने देश से गद्दारी नहीं की। 

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