apanabihar.com2 11

बिहार के लोगों के लिए यह बहुत ही अहम खबर है. बता दे की बिहार के लोग जमीन की रजिस्ट्री करानी है तो देरी न करें। जितनी जल्दी हो सके जमीन का निबंधन करा लें। जमीन का एमवीआर यानी मिनिमम वैल्यू रेट जल्द बढ़ सकता है। ऐसे में जमीन रजिस्ट्री के लिए ज्यादा पैसा चुकाना होगा। बिहार सरकार अप्रैल में एमवीआर बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए जिलों की राय ली जा रही है। बिहार सरकार का निबंधन विभाग इसके लिए होमवर्क में जुटा है।

Also read: Railway News: The husband, an engineer, used to steal sheets as well as blankets from the train, the wife got angry and complained to the police after that…

आपको बता दे की बिहार सरकार से हरी झंडी मिलते ही जिलों के स्तर पर एमवीआर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उसके बाद बढ़ी हुई दरों के आधार पर लोगों को निबंधन शुल्क देना होगा। पिछली बार वर्ष 2016 में यानी छह साल पहले एमवीआर बढ़ा था। अलग-अलग जिलों में इसकी दर 10 से 40 फीसदी तक बढ़ाई गई थी।

Also read: If you are also planning to go to UP-Bihar, then know that many trains will not run next week. Changes have also been made in the routes.

जमीन के बाजार मूल्य से तय होता है एमवीआर : खास बात यह है की एमवीआर यानी मिनिमम वैल्यू रेट वह दर होती है जिसे सरकार किसी जमीन का न्यूनतम मूल्य मानती है। किसी खास इलाके में खास तरीके की जमीन की हो रही खरीद-बिक्री में जो औसत बाजार मूल्य पाया जाता है, उसी के आस-पास एमवीआर तय किया जाता है। संबंधित जिलों के जिलाधिकारी इसे अधिसूचित करते हैं। अधिसूचित होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री में उस खास तरह की जमीन का सरकार वही मूल्य मानकर चलती है। जमीन विक्रेता या खरीदार को उसी आधार पर निबंधन शुल्क तय करना होता है। अगर कोई जमीन एमवीआर से कम कीमत में भी खरीदता है तो उसे निबंधन शुल्क एमवीआर के तहत ही देना होता है।

Also read: As soon as the cold ended, the heat started, now the price of branded AC has reduced to half. This AC is available at this price only, know….

मुआवजा भी एमवीआर के तहत ही मिलेगा : जानकारों की माने तो अगर किसी सरकारी परियोजना के लिए किसी रैयत की जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उस रैयत को मुआवजा के रूप में जमीन की कीमत एमवीआर के तहत ही दी जाएगी। इसके लिए संबंधित जिले के जिलधिकारी के गाइडलाइन को ध्यान में रखा जाता है।

Also read: After Holi, special trains are being run for these cities, see list

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.