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देश में 20 साल पहले एक्सप्रेस-वे (Expressway) बनकर तैयार हो गए थे, लेकिन देर से ही सही अब बिहार (Bihar) में भी एक्सप्रेसवे बनाने को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. बता दे की बिहार के विकास को गति देने के लिए राज्य में चार बड़े एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है. कहा जाता है रफ़्तार तरक्की लाता है, और ज़मीन पर रफ़्तार सड़कों से होकर गुजरती है. अच्छी सड़कों का जाल होने से एक राज्य से दूसरे राज्य तक व्यावसायिक गतिविधयां (Business Activities) तो तेज होती ही हैं, विकास भी तेजी से होता है. साथ ही साथ समय और पैसे की भी बचत होती है. एक्सप्रेसवे के आसपास लाखों लोगों के लिए रोजगार (Employment) का सृजन खुद-ब-खुद हो जाता है.        
28 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे : आपको बता दे की बिहार में जिन चार एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है वो बिहार के 38 जिलों में से 28 जिलों से होकर गुजरेगा. इन एक्सप्रेसवे से बिहार के विकास की रफ़्तार भी तेज होगी. इसमें कोई दो राय नहीं है कि एक्सप्रेसवे के आसपास के गावों और शहरों के लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
   
पहला एक्सप्रेसवे औरंगाबाद से जयनगर के बीच : मीडिया रिपोर्ट की माने तो औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेसवे दरभंगा एयरपोर्ट (Darbhanga Airport) के नजदीक से होते हुए जयनगर जाकर समाप्त होगा. यह सड़क फोरलेन की होगी. औरंगाबाद (Aurangabad) से लेकर जयनगर (Jaynagar) तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे 271 किलोमीटर लम्बा होगा. यह सड़क कुल 6 जिलों से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे औरंगाबाद,(Aurangabad) गया, (Gaya) जहानाबाद, (Jehanabad), पटना(Patna), नालंदा (Nalanda) और दरभंगा (Darbhanga) से होकर गुजरेगा. इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जायेगा.          
 
दूसरा एक्सप्रेसवे रक्सौल से हल्दिया के बीच : खास बात यह है की नेपाल सीमा से सटे रक्सौल से हल्दिया तक राज्य का दूसरा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार होगा. यह एक्सप्रेसवे छह से आठ लेन का होगा. बिहार के इस दूसरे एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले वर्ष से शुरू होगा. यह करीब 695 किलोमीटर लम्बा होगा, जबकि इसकी बनकर तैयार होने की समय सीमा 2024-25 रखी गई है. फिलहाल इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. अबतक मिली जानकारी के मुताबिक रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीनफ़ील्ड होगा और इसमें कहीं से भी बीच सड़क पर नहीं चढ़ा जा सकेगा. यह सड़क 9 जिलों से होकर गुजरेगी. जिसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुज्जफरपुर, पटना(Patna), बिहारशरीफ, सारण, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं.                
तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर के बीच : खबरों की माने तो बिहार का तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा. फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग हो चूका है जो बक्सर को दिल्ली तक जोड़ता है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को ही आगे ले जाकर भागलपुर से जोड़ा जायेगा. इस सड़क की कुल लम्बाई 350 किलोमीटर होगी.        
चौथा एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच : बताते चले की बिहार का चौथा एक्सप्रेसवे गोरखपुर सीमा से होकर सिलीगुड़ी तक जायेगा. केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेसवे को बनाने की अनुमति प्रदान कर दी है. यह बिहार के 10 जिलों को टच करते हुए बनेगा. यह एक्सप्रेसवे गोपालगंज, सीवान, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज से होते हुए सिलीगुड़ी तक जायेगा. यह एक्सप्रेसवे भी पूरी तरह से ग्रीनफ़ील्ड होगा. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे न सिर्फ बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ेगा बल्कि यह पश्चिम बंगाल को भी जोड़ेगा. निश्चित तौर पर इस एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार में विकास का आवागमन होगा.

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