बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की पुरजोर वकालत की है. सोमवार को जनता के दरबार में सीएम कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि यह कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है, बल्कि यह जनहित में है और राज्य के हित में है.

आपको बता दे की बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए हमलोगों ने बड़ा अभियान चलाया है. कई जगहों पर सभाएं हुई हैं, कितनी बैठकें हुईं. हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से यही फायदा होगा कि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 के अनुपात में होगी. अभी 60:40, तो कहीं–कहीं 50:50 है. इससे राज्य का जो पैसा बचेगा, वह विकास के और कामों में लगेगा. कुल मिलाकर आज जो स्थिति है, उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा.

खास बात यह है की सीएम नीतीश ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद बिहार सरकार की तरफ से नीति आयोग को चिट्ठी भेजी गयी है. जब इतना काम किया गया, तब यह स्थिति है, तो उस पर आपलोगों को सोचना होगा. सब लोगों को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के और जो राज्य हैं, उन पर भी गौर कीजिए.

बता दे की सीएम ने कहा कि अगर बिहार पीछे है, तो उसका कारण क्षेत्रफल की तुलना में आबादी का अधिक होना है. एक वर्ग किमी में जितनी आबादी बिहार में है, उतनी आबादी इस देश में कहीं भी नहीं है और शायद दुनिया में भी कहीं नहीं है.

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