गंगा नदी को प्रदूषणमुक्त करने की मुहिम कई स्तरों पर चलाई जा रही है. इसी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. खबरों की माने तो अब बिहार की राजधानी पटना से गुजरने वाली गंगा नदी में तैरता हुआ CNG स्टेशन (Floating CNG Station) बनाने की तैयारी चल रही है. गंगा नदी (River Ganga) में जल्द ही तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन देखा जा सकता है. दरअसल, पटना में गंगा नदी में बड़ी संख्या में डीजल संचालित बोट चलते हैं. प्रशासन की कोशिश डीजल वाले बोट के इस्तेमाल को बंद करना है, ताकि गंगा नदी और राजधानी पटना को वायु प्रदूषण से बचाया जा सके. खास बात यह है की इसके लिए नदी में सीएनजी फिलिंग स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई है. उम्मीद है कि इस योजना को जमीन पर उतारने के बाद गंगा नदी में डीजल बोट का संचालन बंद कर दिया जाएगा.
आपको बता दे की बिहार की नदियों में डीज़ल से चलने वाले नावों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदेश का वन एवं पर्यावरण विभाग बहुत जल्द बड़ा फ़ैसला करने वाला है. नदी में CNG स्टेशन बनाने की तैयारी चल रही है, ताकि नदी में डीज़ल से चलने वाले नावों से हो रहे प्रदूषण को रोका जा सके. बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू कहते हैं कि बिहार के कई शहर में प्रदूषण का स्तर काफ़ी बढ़ा हुआ है. यह समस्या बढ़ती ही जा रही है. पटना में प्रदूषण बड़ी समस्या बनी हुई है. गंगा नदी में बड़ी संख्या में डीजल वाले नाव चलते हैं. उनके धुएं से भी बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण हो रहा है.
कितना आता है खर्च? बताते चले की गेल इंडिया की तरफ से पिछले कई दिनों से बनारस में नदी के किनारे विश्व का पहला तैरता हुआ सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा किया जा चुका है. ऐब बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर सीएनजी स्टेशन प्रोजेक्ट की तैयारी हो रही है. करीब एक से दो साल में यह पास हो जाता है. इसमें करीब पांच करोड़ रुपये तक का खर्च होता है.