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नया साल आते ही राजधानी में बन चल रहे मेट्रो निर्माण की कार्य ने पकड़ लिया है स्पीड मेट्रो डिपो की भूमि की समस्या दूर होने के बाद अब आर्थिक मोर्चे पर भी मेट्रो के पास प्रस्ताव आ रहे हैं। जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जायका) के बाद अब एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भी पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है। सूत्रों के अनुसार, एडीबी के अधिकारियों ने इस बाबत पटना मेट्रो के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात भी की है। जायका के साथ मेट्रो निर्माण के ऋण के लिए पहले ही करार हो चुका है, मगर अभी राशि जारी नहीं हुई है। एडीबी के साथ भी अगर बात बनती है, तो मेट्रो के संभावित विस्तार की योजना बन सकती है।

अगले महीने बनने शुरू हो जायेंगे अंडरग्राउंड स्टेशन : नेटवर्क और स्टेशनों दोनों पर काम फरवरी 2022 में शुरू होने की संभावना है। क्योंकि PMRC को जनवरी के अंत तक जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (JICA) से ऋण मिल सकता है। आकाशवाणी से राजेंद्र नगर तक 7.9 किलोमीटर लंबे छह अंडरग्राउंड स्टेशन, अंडरग्राउंड रैंप और ट्विन टनल का निर्माण 1,989 करोड़ रुपये से किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट एलएंडटी कंस्ट्रक्शन को दिया गया था।

कॉरिडोर II पर भूमिगत निर्माण कार्य में जुड़वां सुरंगों का डिजाइन और निर्माण, राजेंद्र नगर में भूमिगत रैंप और राजेंद्र नगर (विनिमेय स्टेशन), मोइनुल हक स्टेडियम , पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी में छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन शामिल हैं ।

खबरों की माने तो एलिवेटेड स्टेशन दानापुर, सगुना मोड़ , आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, रामकृष्ण नगर में निर्धारित हैं। 7.39 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर काम कर रही हैं, जिसकी लागत 553 करोड़ रुपये है। मलाही पकरी से भूतनाथ रोड तक 112 पिलर बनाए गए हैं, जबकि कॉरिडोर II के लिए एलिवेटेड नेटवर्क के लिए कुल 210 पिलर बनाए जाएंगे।

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