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राजधानी समेत बिहार के प्रमुख शहरों में आटो की एक निश्चित संख्या तय की जाएगी। इसके लिए शहर के अलग-अलग रूट पर यात्रियों के दबाव को देखते हुए आटो की संख्या निर्धारित की जाएगी। बता दे की इसी संख्या के आधार पर आटो को परमिट दिया जाएगा। शहर के हर रूट पर भी आटो की संख्या तय होगी। आटो की बढ़ती संख्या और जाम को देखते हुए परिवहन विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है की जल्द ही इसको लेकर शहरों में आटो का सर्वे शुरू किया जाएगा। सबसे पहले पटना में इसे लागू किया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया जैसे शहरों में इसे लागू किया जाएगा। बिहार के कई जिलों में आटो का रूट भी बदला जाएगा। सबसे पहले इसकी शुरुआत पटना से की जाएगी। 

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गलत रूट पर आटो चलाया तो जुर्माना : आपको बता दे की इस नई व्यवस्था का मकसद शहर में आटो की संख्या को नियोजित करना है। फिलहाल सिर्फ पटना शहर में 30-35 हजार आटो होने का अनुमान है। इसमें बड़ी सख्ंया में आटो अब भी पुराने रूट पर ही चल रहे हैं। पटना जंक्शन, बेली रोड, गांधी मैदान जैसे पुराने रूट पर बड़ी संख्या में आटो हैं। नई व्यवस्था में इनकी संख्या निर्धारित की जाएगी। रूट और संख्या का निर्धारण होने के बाद अगर चालक गलत रूट में आटो का परिचालन करेंगे तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।

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नए रूट भी जुड़ेंगे आटो सेवा से : खबरों की माने तो इसके अलावा पटना में कई रूट ऐसे हैं, जो अब भी आटो सेवा से नियमित जुड़ नहीं पाए हैं। जुड़े भी हैं, तो आटो की संख्या बहुत कम है, जिससे यात्रियों को मनमाना किराया देना पड़ता है। नए बस स्टैंड के आसपास के इलाके, बाईपास से जुड़े इलाके, राजीवनगर आदि इलाकों में इस तरह की समस्या आ रही है। नई व्यवस्था में इन रूटों पर भी पर्याप्त आटो परमिट जारी किया जाएगा। 

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