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अभी तक आपने ऐसे कई घर देखे होंगे जहां घर के लोगों के साथ पलंग पर कुत्ते और बिल्लियां सो रही होती है। कुत्ते और बिल्ली को पालना लोग अपनी शान समझते हैं लेकिन आपने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक ऐसा घर है जहां गाय और बैल पलंग पर बड़े इत्मीनान से सोते हैं। बताया जा रहा है की इस घर में गाय और बैल भगवान के रूप में पूजे जाते हैं और उनके साथ परिवार के सदस्यों का एक अनोखा रिश्ता देखने को मिलता है। गो भक्ति के नाम पर कई धनाढ्य लोग लाखों रुपये दान करते हैं। कुछ लोग टीवी पर डिबेट करते भी देखे जा सकते हैं लेकिन असल गौ भक्ति क्या होती है ? यह इस परिवार क्या को देखकर समझा जा सकता है।

घर के पलंग पर सोता है पृथु आपको बता दे की जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड थाना क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी प्रेम सिंह कच्छवाह और उनकी पत्नी संजू कंवर की गौ भक्ति को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इनके घर में गाय एक पशु नहीं बल्कि पारिवारिक सदस्य की तरह रहती है। इनके घर में कुल 3 गाय और एक बछड़ा है। बछड़े की उम्र एक साल है और इसका नाम उन्होंने पृथु रखा है। संजू कंवर ने बताया कि सुबह वे अपने बछड़े को चारा खिलाकर स्नान करा देती है जिसके बाद जैसे ही वह सूख जाता है वह सीधा भागकर कमरे में जाकर पलंग पर चल जाता है और वहां पर करीब 2 घंटे विश्राम करता है। इस दौरान वह बड़े आराम से धीरे धीरे जुगाली की क्रिया को अंजाम देता है।

नहीं करते बिस्तर पर गंदगी, सभी गोधन को दे रखी हैं ट्रेनिंग बता दे की संजू सिंह ने बताया कि उनके घर में रहने वाले गौमाता और नंदी महाराज बिस्तर पर सोते जरूर है लेकिन उन्हें यह पता है कि गोबर कहां करना है और शौच कहां करना है जब उन्हें इस चीज का आभास होता है तो वहां से उठकर निर्धारित जगह पर जाकर गोबर करते हैं। इसके लिए उन्होंने बकायदा सभी गोधन को ट्रेनिंग दे रखी है। संजू कंवर का कहना है कि लोग गाय से सिर्फ एक ही मतलब रखते हैं दूध लेने का जबकि गाय हमारे शास्त्रों के अनुसार सबसे पूजनीय है इनके शरीर  में 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं लेकिन आजकल के खुदगर्ज लोग गायों को तो पालते हैं लेकिन नंदी महाराज को घर से निकाल देते हैं जिसके बाद वह कत्लखाने तक पहुंच जाते हैं इसी डर के चलते उन्होंने अपने पृथु को घर से बाहर नहीं निकाला।

काऊ हाउस के नाम से जाना जाता है यह घर जानकारी के लिए बता दे की सालभर पहले संजू कंवर के घर पर नगर निगम की टीम पहुंची थी और उन्होंने उनकी गायों को सीज कर लिया जिसके बाद उन्होंने गायों को घर में ही पालना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोगों तक यह बात पहुंच गई कि इनके घर में गाय बच्चे की तरह रहती है तो इस घर को लोग “काऊ हाउस” उसके नाम से जानना शुरू हो गए।

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