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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि ताड़ी के बदले नीरा का उत्पादन करने वालों को बिहार सरकार मदद देगी। बता दे की बिहार में नीरा का व्यवसाय करने के लिए ऐसे लोगों को सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही सात महीने तक एक-एक हजार रुपये भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ताड़ी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, जबकि नीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मुख्यमंत्री अपनी समाज सुधार यात्रा अभियान के पांचवें पड़ाव में गुरुवार को समस्तीपुर शहर के पटेल मैदान में जीविका दीदियों को संबोधित कर रहे थे।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच पर ही पदाधिकारियों को ताड़ी के बदले नीरा का उत्पादन करने वालों को मदद देने के लिए सभी आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया। कहा कि ताड़ के पेड़ से सुबह होने से पहले नीरा निकलेगा। ताड़ के पेड़ से ताड़ी नहीं निकालें बल्कि नीरा का उत्पादन करें। आपको बता दे की मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों के बेहतर होते जीवन स्तर को रेखांकित करते हुए कहा कि परिवार और समाज का विकास तभी होगा जब महिला और पुरुष साथ काम करेंगे। इससे घर में आमदनी बढ़ेगी तो विकास के रास्ते खुलेंगे। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए किये गये प्रयास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साइकिल योजना से लड़कियों का पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ा है।

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अब देर रात कहीं भी आते-जाते हैं लोग : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 24 नवंबर 2005 से जो आपलोगों ने काम करने का मौका दिया, आपकी सेवा में दिन-रात लगे हैं। 2005 के पहले क्या हालत थी? शाम होने के बाद कोई अपने घर से नहीं निकलता था। हमने बिहार में कानून का राज स्थापित किया। अब देर रात लोग कहीं भी बेधड़क आते-जाते हैं। लोगों में भरोसा बढ़ा है। समाज के हर तबके का हमने उत्थान किया है। पहले महिलाओं की उपेक्षा होती थी। अब बड़ी संख्या में महिलाएं काम कर रही हैं। उनका उत्साह बढ़ा है। 

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