बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हमेशा से सवाल उठते आ रहे हैं. बिहार में हेल्थ सिस्टम पर नीति आयोग की रिपोर्ट पर जारी राजनीति के बीच बिहार के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बिहार सरकार एक और सराहनीय व बड़ा कदम उठाया है. बता दे की अब बिहार में सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदल दिया जाएगा. इसके तहत छह बेड की जगह 30 बेड की सुविधा बहाल की जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को 500 करोड़ की लागत के जमुई चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास समेत 1919 करोड़ 95 लाख की 772 योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन करने के बाद अपना संबोधन दे रहे थे।
आपको बता दे की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने जमुई में इस बात की घोषणा की कि बिहार के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जल्द तब्दील किया जाएगा. इस पर काम जोर-शोर से चल रहा है. वे मंगलवार को बिहार के जमुई में चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का शिलान्यास करने पहुंचे हुए थे. आपको बता दे की अब इसे 2500 बेडों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। पहले कोई यहां इलाज के लिए नहीं आना चाहता था, लेकिन अब यहां की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था एवं सुविधा के लिए काफी लोग आते हैं। पटना में एम्स का निर्माण कराया गया और दरभंगा में भी कराया जा रहा है। स्वास्थ्य उपकेंद्र में इलाज के लिए आनेवाले लोगों को बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से टेलीमेडिसिन द्वारा परामर्श देने का काम प्रारंभ किया गया है।
बताते चले की अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमलोगों को मौका मिला है, सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर शुरू से विशेष जोर रहा है. बिहार में पहले छह सरकारी व दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे. अब बिहार में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेज और छह प्राइवेट हैं.