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बिहार के आठ हजार उन टोलों को जल्द पक्की सड़क से जोड़ा जाएगा, जो इस सुविधा से अभी वंचित हैं। बिहार सरकार ने इसका सर्वे करा लिया है। इसके लिए नौ हजार किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा, जिसपर आठ हजार करोड़ खर्च होंगे। बता दे की जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सोमवार को गावों के अंदर और टोले में सड़क बनाने के कई मामले आये। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसको लेकर एक योजना भी बन रही है। ग्रामीण कार्य विभाग इस पर काम कर रहा है।

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जानकारी के लिए बता दे की बिहार में एक लाख से अधिक टोले हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत पक्की सड़क से जोड़ा गया है। बिहार के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि जो टोले बच गये हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां भी पक्की सड़क का निर्माण कराएं। ग्रामीण कार्य के सचिव पंकज पाल ने कहा कि इसको लेकर लोन के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय और नीति आयोग की सहमति मिल गई है। आर्थिक कार्य मंत्रालय के पास प्रस्ताव लंबित हैं। कुल खर्च का 70 प्रतिशत बिहार सरकार लोन लेगी।

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135 फरियादियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी अपनी शिकायतें : आपको बता दे की जनता के दरबार में कुल 135 लोगों ने अपनी समस्या और शिकायतें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी, जिनका त्वरित निष्पादन का आदेश संबंधति पदाधिकारियों को उन्होंने दिया। कौवाकोल, नवादा के एक व्यक्ति ने कहा कि अंबा मोड़ से अफरडीह गांव तक पक्की सड़क का निर्माण अब तक नहीं किया गया है। सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड से आए युवक ने कहा कि उनके गांव तक आज भी सड़क नहीं बनायी गयी है।

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कैमूर के नुआंव से आए एक व्यक्ति ने कहा कि जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली के दौरान किया था, वहां सड़क निर्माण हुआ, लेकिन गांव के लोगों की मांग के बाद भी वहां पौधरोपण नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जल्द उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बताते चले की फुलवारीशरीफ की एक महिला ने राशन कार्ड नहीं बनाए जाने की शिकायत की। वहीं फुलवारीशरीफ से ही आए एक व्यक्ति ने कहा कि वह पटना नगर निगम के तहत टैक्स भुगतान करते हैं, लेकिन उनके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है।

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