बिहार वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. बिहार सरकार ने पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर 500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. इस राशि से मेट्रो ट्रेन के कोच के लिए 76 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. बताया जा रहा है कि किसानों/भूस्वामियों को जनवरी 2022 से जमीन का मुआवजा देने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. बता दे की राशि आवंटित की जानकारी नगर विकास व आवास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने महालेखाकर को भी दे दी है। मेट्रो के डिपो के लिए करीब 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। फिलहाल किसानों से दावा-आपत्ति लेने का काम हो रहा है।
बताया जा रहा है की पटना मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत कोच के लिए करीब 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है. इस 76 एकड़ में 50.59 एकड़ जमीन पहाड़ी और 25.35 एकड़ जमीन रानीपुर मौजा की बताई जा रही है. जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना बिहार सरकार पहले ही जारी कर चुकी है. फिलहाल किसानों से दावा और आपत्ति के लिए आवेदन लेने का काम चल रहा है. जमीन अधिग्रहण का काम जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जमीन अधिग्रहण में करीब 726 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. मेट्रो के लिए जमीन अधिग्रहण पर आने वाले खर्च का वहन बिहार सरकार के स्तर पर किया जाना है. इसके लिए 500 करोड़ रुपए सरकार ने आवंटित कर दिए हैं.
आपको बता दे की यह काम होते ही पटना मेट्रो को 76 एकड़ जमीन हस्तांतरित कर दी जाएगी। जमीन का हस्तांतरण होने के बाद पटना मेट्रो के पास खुद की परिसंपत्ति होगी, जिसके आधार पर वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। पटना मेट्रो के स्टेशनों के निर्माण के लिए जमीन का भी हस्तांतरण होना है। इसके लिए कई सरकारी व निजी जमीन को चिह्नित किया गया है। इसमें से कई जमीन संस्थाओं के पास है, जिनके साथ बैठक कर अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा रहा है।
स्टेशनों के लिए जमीन अधिग्रहण पर अलग से राशि खर्च की जाएगी। जो जमीन अधिग्रहित की जानी हैं वह पटना सिटी अंचल के रानीपुर मौजा और पहाड़ी मौजा की हैं। इसके लिए पटना जिला प्रशासन द्वारा 23 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी। 60 दिनों में आपत्ति मांगी गई थी। आपत्ति दर्ज कराने की अवधि अगले सप्ताह समाप्त हो जाएगी। उसके बाद भूअर्जन की कार्रवाई शुरू होगी।