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बिहार में मजदूरी करने वालों के छोटे बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए बिहार सरकार की ओर से अच्छी पहल की गयी है। इसमें उन बच्चों को शामिल करने की योजना है जिन्हें उनके माता पिता मजबूरी में अपने कार्यस्थल पर ले जाते हैं। बिहार के ऐसे 53938 बच्चों के लिए मौसमी छात्रावास बनेगा। बता दे की बिहार में इन बच्चों के माता-पिता के काम करने की जगह के पास यह छात्रावास बनेगा।

आपको बता दे की छह से 14 साल के बच्चों के गृहवार कराए गए सर्वे के बाद बिहार सरकार ने इनका आंकड़ा जारी करते हुए यह निर्देश दिया है। बिहार के ऐसे बच्चों की पढ़ाई किसी भी हालत में नहीं रुके, इसे लेकर यह पहल की गई है। सर्वे में सामने आया है कि ये बच्चे दिसम्बर में भी अपने परिवार के साथ विभिन्न कार्यस्थल जैसे ईंट भट्ठा, खेतों आदि के पास रहने चले जाते हैं। इन बच्चों को वहीं पर स्कूल में पढ़ाने के साथ मौसमी छात्रावास की व्यवस्था होगी।

बताते चले की बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐसे 3530 बच्चे चिह्नित किए गए हैं। मौसमी छात्रावास के लिए 16 करोड़ से अधिक की राशि बिहार को दी गई है। सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में 10 हजार आठ बच्चे ऐसे चिह्नित किए गए हैं। बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिले के डीईओ को इस संबंध में निर्देश दिया है।

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