अब ट्रेनें 100 किमी की जगह 110 किमी प्रति घंटे की स्पीड से पटरियों पर दौड़ेगी। क्योंकि रेलखंड पर 10 किमी प्रति घंटे की स्पीड बढ़ाने की मंजूरी बनी हुई है। बहुत जल्द विद्युतीकरण के पश्चात बिहार के भागलपुर रेल खंड की ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए रेलवे ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के बाद लोगों को सफर के दौरान समय कम लगेगा। मालदा रेल मंडल ने ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए फाइल को आगे बढ़ा दिया है। वहीं दूसरी ओर इससे पहले ट्रायल भी किया गया था और सफल हुआ था।

आपको बता दें साहिबगंज से किऊल के मध्य रेलवे ट्रैक को 2 साल पूर्व परिवर्तित किया गया था तथा विद्युतीकरण से डीजल के स्थान पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाई गई। वर्तमान समय में इस रेलखंड में तकरीबन सभी ट्रेनें बिजली से चलतीे हैं। बिजली से ट्रेनें चलने तो लेगी परंतु ट्रेनों की स्पीड नहीं बढ़ी है। यात्रा करने के दौरान यात्रियों को अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए काफी समय लग जाता है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए ट्रेनो की स्पीड बढ़ाने की कवायद चल रही है।

जिसमे खास बात यह है की वर्तमान समय में मालदा रेल मंडल के साहिबगंज से किऊल के मध्य तकरीबन डेढ़ दर्जन ट्रेनें चल रही हैं, जिसमें से यह ट्रेन साप्ताहिक और दोहरी साप्ताहिक और हर रोज चलने वाली ट्रेनें हैं। वहीं दूसरी ओर भागलपुर से जमालपुर मार्ग से दिल्ली के लिए हमसफर एक्सप्रेस मिलाकर भी कई ट्रेनें हैं। रफ्तार की बात करें तो रफ्तार इनकी भी धीमी है। मानना है रफ्तार बढ़ाने के बाद समय की बचत होगी।

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