बिहारवासियो का सपना पटना मेट्रो जिस खबर को सुनकर हर बिहारवासी को गर्व महसूस होगा की अब अपना बिहार बदल रहा है। बिहार में मेट्रो ट्रेन लोगों के लिए शुरू करने के पीछे राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने एड़ी चोटी का बल लगा दिया है। आपको बता दें की इस मेट्रो सेवा को बिहार में बहाल करने के लिए कुल खर्च का बीस प्रतिशत बिहार सरकार बीस प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और शेष साथ प्रतिशत राशि ज़ायक़ा से ऋण के रूप में लिया जा रहा है।
आपको बता दें की बिहार के इस परियोजना के लिए पटना मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड का गठन हुआ है. इसके बाद मेट्रो रेल से सम्बंधित सभी निर्माण का काम दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड को डिपॉज़िट टर्म पर सौंपा गया है। बिहार में यह काम जितनी तेज़ी से हो रहा है इससे ये प्रतीत होता है की बिहार सरकार कितनी तेज़ी से इस परियोजना पर कार्य कर रही है। जानकारी के अनुसार 1958 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है, इस बजट से कोरिडोर 2 के बीच आने वाले मेट्रो स्टेशनो को अंडरग्राउंड किया जाएगा। जिसमें मुख्यतः गांधी मैदान सहित सात स्टेशन शामिल हैं। आइए जानते है क्या है कॉरिडोर 1 और कॉरिडोर 2 ? कॉरिडोर 1 की बात की जाए तो आपको बता दें की इस कॉरिडर के अंदर दानपुर-मिथापुर-खेमनिचक मेट्रो स्टेशन शामिल है।
इन स्टेशनो के बीच 7.393 KM का एलिवेटेड ट्रैक होगा, और अंडरग्राउंड ट्रैक की लम्बाई लगभग 10.54 KM इस तरह एलिवेटेड और अंडरग्राउंड लायिनो को मिलकर कुल लम्बाई लगभग 17.933 KM हो जाती है। अब बात करते है कॉरिडर 2 की – इस कॉरिडर में पटना रेलवे स्टेशन से गांधी मैदान होते हुए बिहार के नए बस टर्मिनल पाटलिपुत्रा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल तक इस कॉरिडर के ट्रैक का फैलाव होगा। इस कॉरिडर की कुल लम्बाई की बात करें तो वह लगभग 14.564 KM है जिसके अंतर्गत 6.638 KM का ट्रैक एलिवेटेड होगा और शेष 7.926 km का ट्रैक अंडरग्राउंड होगा। जो ट्रैक और स्टेशन अंडर ग्राउंड होगा वो निम्न रूप से है पहला पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी, मोईनउल हक़ स्टेडीयम, राजेंद्र नगर शामिल है।