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यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | जो भी IAS बनते है वो  लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं | गरीबी को अपने रास्ते में नहीं आने देते वो लोग कुछ भी कर सकते है जी हाँ दोस्तों, उत्साह और कठोर परिश्रम के द्वारा किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है| इसी का उदाहरण प्रस्तुत किया है हरियाणा की पूनम दलाल दहिया (Poonam Dalal Dahiya) ने, जिन्होंने अपने जीवन में आने वाली तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए अपनी हिम्मत, मेहनत और लगन से कामयाबी हासिल की।

वैसे तो यह एक साधारण शिक्षिका ही थीं, लेकिन इन्होंने असाधारण सफलता प्राप्त करके सभी महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।पूनम जब प्राइमरी स्कूल में पढ़ाया करती थीं, उसी समय उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का निश्चय कर लिया था। उन्होंने SBI में 3 साल तक काम किया, फिर वर्ष 2006 में उन्होंने SSC ग्रेजुएट लेवल परीक्षा में नेशनल लेवल पर 7 वी रैंक प्राप्त करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने करियर की शुरुआत की थी।

इस कामयाबी के बाद उनमें UPSC एग्जाम देने की इच्छा और दृढ़ हो गई थी। फिर अगस्त 2015 में उन्होंने UPSC का एग्जाम दिया, उस समय वे 9 माह की प्रेग्नेंट थीं। फिर दिसम्बर माह में उनकी मेन्स की परीक्षा हुई, तब उनका शिशु केवल 3 महीने का ही था।

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