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यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | जो भी IAS बनते है वो  लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं | गरीबी को अपने रास्ते में नहीं आने देते वो लोग कुछ भी कर सकते है जी हाँ दोस्तों, उत्साह और कठोर परिश्रम के द्वारा किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। हम इसी तरह का उदहारण पेश कर रहे है | जिसे लोग कॉलेज के समय में इंग्लिश में थोडा कमजोर होने के कारण उसका मजाक बनाते थे | आज उसी ने जो कर दिखाया वह अपने आप में एक मिसाल है |

हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के रहने वाले सुरभि गौतम की जिन्होंने upsc की एग्जाम में पुरे देश में ५०वी रैंक लाकर अपने परिवार के साथ साथ अपने समाज को भी गौरवान्वित की है | बता दे की सुरभि गौतम एक मिडिल क्लास फॅमिली के रहने वाली है | उनके पिता mp के मईहर कोर्ट में वकील का काम करते है | सुरभि की घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उनका सही से अछे ढंग से पढाई में पैसा नहीं दे पाते थे उनके माता पिता सुरभि अपनी बचपन की पढाई गाव के ही सरकारी स्कूल में की है |

सुरभि अभी मध्य प्रदेश में आईएस के पद पर तैनात है बता दे की सुरभि गौतम ने अपने मेहनत और परिश्रम के दम पर पुरे इंडिया में 50 वि रैंक हाशिल करके एक अपने आप में मिशाल पेश की है| सुरभि ये करिश्मा दूसरी बार में दिखाई है | उन्होंने पहली बार में इंटरव्यू राउंड तक गयी थी | लेकिन उनका सिलेक्शन नही हो पाया था लेकिन उन्होंने हार नही मानी और मेहनत जारी रखी वो कहते है न सिर्फ कर्म कीजिये सफलता का इंतजार नहीं कर्म कीजिये सफलता मिलनी तय है |

सुरभि बताती है की हमारे माता – पिता से जो बन सका उन्होंने उससे मेरी सपोर्ट की खास कर मेरी माँ जब मै पढ़ते-पढ़ते थक जाती थी तो मेरी माँ मेरे लिए कोफ्फ्य बनाकर लती थी और मुझे पिलाती थी जिससे नींद नही आती और मै आराम से अपनी पढाई को जारी रख पाती थी | और वो मेरे भोजन पर भरपूर ध्यान देती थी | मुझे वो बाज़ार का खाना खाने को नहीं बोलती थी और घर पे ही खुद से संतुलित भोजन बनाकर समय समय पर देती थी |

बता दे की सुरभि जब अपनी पढाई करने कॉलेज जाती थी | तो उनकी इंग्लिश उत्ब्नी अच्छी नहीं थी तो वहां पर कॉलेज के कुछ बच्चे उनका मजाक बनाते थे | और इन्हें चिढाते थे लेकिन सुरभि उन सब की बातो पर ध्यान नहीं देती थी और अपना काम करती थी | एक आईएएस अधिकारी होने के साथ-साथ उन्होंने एक अच्छे इंसान और ज़िम्मेदार नागरिक होने का उदाहरण भी पेश किया है |

Raushan Kumar is known for his fearless and bold journalism. Along with this, Raushan Kumar is also the Editor in Chief of apanabihar.com. Who has been contributing in the field of journalism for almost 4 years.