Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक में बिहार के विवेक सागर का जलवा, गांव में खुशी का माहौल

टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में हिस्सा लेने के लिए 205 देशों से 11 हजार एथलीट जापान पहुंचे हैं, उन्हीं में से एक है सीवान का विवेक सागर प्रसाद। रघुनाथपुर प्रखंड के कन्हौली गांव निवासी रोहित प्रसाद और कमला देवी के बेटे विवेक ने राज्य सहित देश का नाम इंटरनेशनल स्तर पर रोशन किया है। जब विवेक 17 साल के थे तबतक वे लाेग सीवान में ही रहते थे। इसके बाद उनके पिताजी नौकरी की तलाश में मध्यप्रदेश चले गए और वहीं पूरे परिवार के साथ वहीं रहने लगे। बता दें कि टीम इंडिया ने ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

इसके बाद आस्ट्रेलिया को पराजित कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। इस मैच में मिडफिल्डर सागर ने अपने शानदार खेल से सबका ध्यान खींचा है। टोक्यो में आयोजित हॉकी के सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम से मंगलवार को है। 49 साल बाद भारत ओलिंपिक में हॉकी के सेमीफाइनल में पहुंचा है।

दोस्तों से हॉकी स्टिक मांग कर शुरू किया था खेलना
विवेक ने जब खेलना शुरू किया था तब उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इस वजह से उन्होंने अपने दोस्तों से हाकी स्टिक मांगकर खेलना शुरू किया था। बड़े भाई विद्यासागर के अनुसार पिता को विवेक का हाॅकी खेलना पसंद नहीं था। वह चाहते थे कि बेटा पढ़-लिखकर हाकिम बने। इस वजह से कई बार विवेक की पिटाई भी हुई। बड़े भाई और मां ने हमेशा उनका साथ दिया। कई बार जब विवेक हॉकी खेलने जाता था तो उनकी मां झूठ बोल देती थी। जब विवेक मशहूर होने लगे तो उनके पिता भी
उनका समर्थन करने लगे।