कभी किया खेतों में काम तो कभी चलाया हल, ज्योतिषी ने कहा IAS नहीं बन पाओगे; फिर Navjivan Pawar ने ऐसे पास की UPSC परीक्षा

अगर आपके इरादे मजबूत हैं तो आप कड़ी मेहनत से अपनी किस्मत भी बदल सकते हैं. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के रहने वाले नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) कर दिखाया और ज्योतिषी की भविष्यवाणी को झूठा साबित करते हुए आईएएस बन गए. हालांकि नवजीवन के लिए यह इतना आसान नहीं था, क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा से पहले वे काफी बीमार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. हाल में एस्पिरेंट (Aspirant) नाम की एक वेबसीरीज आई थी, जिसमें यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहे तीन दोस्तों की कहानी दिखाई गई है. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों की स्टोरी बता रहे हैं, जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना कर यूपीएससी पास किया.

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बचपन में किया काफी संघर्ष

struggled in childhood
नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) महाराष्ट्र के नासिक के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं और वे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता किसान हैं. नवजीवन को बचपन से ही काफी संघर्ष करना पड़ा. वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और 12वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.

इंजीनियरिंग के बाद UPSC की तैयारी

UPSC preparation after engineering
इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया. इसमें उनके पिता ने सपोर्ट किया और उन्हें तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया.

ज्योतिषी बोला- नहीं बन पाओगे IAS

Astrologer said- not able to become IAS
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दिल्ली में उनके टीचर एक बार ज्योतिष के पास लेकर गए. ज्योतिष ने उनसे कहा था कि 27 साल की उम्र से पहले तुम आईएएस (IAS) नहीं बना पाओगे. यह बात नवजीवन के काफी चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि वो इस परीक्षा को जरूर पास करेंगे.

एग्जाम में पहले हुए बीमार

sick before exam
यूपीएससी एग्जाम से करीब एक महीने पहले नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) को डेंगू हो गया और उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद पढ़ाई जारी रखी. उनका हौसला देख डॉक्टर भी हैरान रह गए. नवजीवन बताते हैं कि अस्पताल में एक हाथ पर डॉक्टर इंजेक्शन लगा रहे थे और मेरे दूसरे हाथ पर किताब थी.

पहले प्रयास में बने IAS

Become IAS in first attempt
बीमारी से लड़कर ठीक होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर कर लिया. नवजीवन बताते हैं, ‘रिजल्ट आने के बाद इंटरव्यू की तैयारी करने लगा. उस समय मेरे मन में ख्याल आया कि जब कोई मेरा भविष्य बता सकता है तो मैं अपना फ्यूचर क्यों नहीं बदल सकता.’ आखिरकार नवजीवन को सफलता मिली और ऑल इंडिया रैंक 316 हासिल कर आईएएस अधिकारी बने.